हरियाणा में विवादित रही डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा में धांधली का बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच में पाया कि 15 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी।
ईडी ने इस मामले में एक फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट पर पाए गए निशान कृत्रिम रूप से बनाए गए थे।
ईडी ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में पूर्व उप सचिव अनिल नागर और बिचौलिया अश्विनी शर्मा को आरोपी बनाया गया है।
ईडी ने बताया कि अनिल नागर और अश्विनी शर्मा अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उनकी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करते थे। आरोप है कि उन्होंने 15 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में खाली छोड़े गए गोलों को भर दिया था, जिससे वे परीक्षा में पास हो गए।
ईडी ने इस मामले में अनिल नागर और अश्विनी शर्मा से पूछताछ की है। दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
इस मामले का खुलासा होने के बाद हरियाणा सरकार ने जांच की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
इस मामले में धांधली करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
धांधली की यह थी कहानी
ईडी की जांच में पता चला कि एचपीएससी ने डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा के लिए 13 नवंबर 2021 को लिखित परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा में कुल 24 अभ्यर्थियों के रोल नंबरों पर छेड़छाड़ की गई थी। इनमें से 15 अभ्यर्थियों के रोल नंबरों को अश्विनी शर्मा के मोबाइल फोन से बरामद डेटा से मिलान किया गया है।
ईडी ने यह भी पाया कि अनिल नागर और अश्विनी शर्मा ने डेंटल सर्जन भर्ती परीक्षा के लिए ओएमआर शीट स्कैन करने का ठेका लेने वाली कंपनी से स्कैनिंग मशीन किराये पर ली थी। परीक्षा के बाद, नागर और शर्मा रात आठ बजे के बाद सेवा आयोग के कार्यालय से निकलने के बाद भी ओएमआर शीट को स्कैन करना जारी रखते थे।
स्कैनिंग प्रक्रिया के दौरान, नागर और शर्मा अकेले एक केबिन में बैठते थे और कई बार दरवाजा बंद कर देते थे। ईडी ने इस बात के भी सबूत जुटाए हैं कि नागर और शर्मा ने अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उनकी ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की थी।
जांच जारी
ईडी ने इस मामले में अभी भी अपनी जांच जारी रखी है। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस धांधली में और कौन-कौन शामिल हैं।
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