हरियाणा के निजी बस संचालकों ने सड़क दुर्घटना कानून के विरोध में सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। चालकों ने प्रतापनगर के किशनपुरा स्थित नेशनल हाईवे पर धरना देकर नारेबाजी की। यूनियन के आदेश पर चालकों ने यहां अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया। चालकों ने कहा कि मंगलवार से अगर कोई चालक अपने वाहन के साथ सड़क पर दिखा तो उसका विरोध किया जाएगा और अपने जानमाल के नुकसान का जिम्मेदार खुद वाहन चालक होगा।
चालकों का कहना है कि नए कानून में ड्राइवरों को ही सारी जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जो गलत है। उनका कहना है कि कोई भी ड्राइवर जानबूझकर हादसे को अंजाम नहीं देता। संशोधित कानून से वाहन चालकों के साथ उनके परिवार के साथ भी गलत होगा। हादसों के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो जाती है, ऐसे में उसे उस दौरान जान का खतरा भी बना रहता है। वहीं देश में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां भीड़ ने वाहन चालक की पीट पीटकर हत्या तक कर दी है। ऐसे में यह कानून ड्राइवरों के लिए जी का जंजाल बनेगा।
चालकों ने सरकार से कानून में संशोधन करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कानून में यह प्रावधान किया जाना चाहिए कि हादसे के बाद ड्राइवर के साथ-साथ वाहन मालिक और अन्य जिम्मेदार लोगों को भी जिम्मेदारी दी जाए।
हड़ताल का असर सोनीपत में भी देखने को मिला है। सोनीपत डिपो के किलोमीटर स्कीम व सहकारी समितियों के बस चालक इस कानून के विरोध में हड़ताल पर रहे, जिससे करीब 84 बसों का पहिया थमा रहा। जिस कारण विभिन्न रूटों पर बसों की कमी बनी रही। चालकों ने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक सरकार इन कानून को वापस नहीं लेती, तब तक बसें नहीं चलाएंगे। किलोमीटर स्कीम व सहकारी समितियों की बसों का पहिया थमने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
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