NEET UG 2024 Hearing Update
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में आज (गुरुवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन छात्रों को अभी और इंतजार करना होगा। शिक्षा मंत्रालय और एनटीए द्वारा बुधवार रात पेश किए गए हलफनामे याचिकाकर्ताओं के वकीलों को न मिलने के चलते सुनवाई टाल दी गई। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हलफनामे सभी को उपलब्ध करा दिए गए हैं, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इंकार कर दिया।
सुनवाई टली, छात्रों का इंतजार बढ़ा
नीट-यूजी को गड़बड़ियों और पेपर लीक की घटनाओं के चलते रद्द करने और फिर से कराने की मांग पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अब इस मामले को 18 जुलाई को सुनने का फैसला लिया है, जिससे छात्रों का इंतजार और बढ़ गया है। चार जून को नीट-यूजी का परिणाम आने के बाद से ही परीक्षा को लेकर हर दिन नए विवाद सामने आ रहे हैं, जिनमें ग्रेस मार्क्स देने का भी विवाद शामिल था, जिसे एनटीए ने कोर्ट के रुख को देखते हुए तुरंत रद्द कर दिया था।
कोर्ट की कार्यवाही
गुरुवार को करीब डेढ़ बजे जब यह मामला मुख्य न्यायाधीश वी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के सामने आया, कोर्ट ने 8 जुलाई को किए गए सवालों के जवाब याचिकाकर्ता के वकीलों को न मिलने की बात कहते हुए सुनवाई को आगे टाल दिया। महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि हलफनामे दे दिए गए हैं, लेकिन कोर्ट ने कहा कि इन्हें पढ़ने और जवाब तैयार करने का समय चाहिए। ऐसे में अब मामले को 18 जुलाई को सुना जाएगा।
सीबीआई की रिपोर्ट
सीबीआई ने भी कोर्ट के सामने बंद लिफाफे में परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ियों पर अपनी रिपोर्ट दी है। शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने बुधवार देर शाम को कोर्ट के सवालों पर अपने जवाब दाखिल किए थे। मंत्रालय ने आईआईटी मद्रास की ओर से परीक्षा के डेटा का तकनीकी विश्लेषण साझा किया, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
कोर्ट की पिछली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को नीट-यूजी से जुड़ी गड़बड़ियों और परीक्षा को रद्द करने व फिर से कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने कहा था, ‘यह तो साफ है कि पेपर लीक हुआ है, लेकिन इससे परीक्षा की शुचिता प्रभावित नहीं हुई है, यह देखना होगा।’ कोर्ट ने एनटीए और शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।
शिक्षा मंत्री की छात्रों से मुलाकात
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को अपने आवास पर परीक्षा रद्द करने और फिर से कराने की मांग कर रहे छात्रों के एक गुट से मुलाकात की। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि छात्रों से उनकी क्या बातचीत हुई, लेकिन छात्रों ने कहा कि उन्होंने परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ियों को मंत्री के सामने रखा है और परीक्षा को रद्द करने की मांग दोहराई है।