विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में कोरोना के नए सब-वैरिएंट JN.1 और इन्फ्लूएंजा सहित श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों के मद्देनजर निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है। डब्ल्यूएचओ ने लोगों से सुरक्षात्मक उपाय करने का अनुरोध किया।
JN.1 से सार्वजनिक स्वास्थ्य को कम जोखिम
स्वास्थ्य निकाय ने कहा, कोरोना वायरस वैश्विक स्तर पर सभी देशों में विकसित हो रहा है, बदल रहा है और फैल रहा है। हालांकि, मौजूदा सबूत बताते हैं कि JN.1 से अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य को कम जोखिम है। हमें प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहना चाहिए और मामलों की निगरानी जारी रखनी चाहिए।
देशों को बढ़ानी चाहिए मामलों की निगरानी
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि इसके लिए देशों को निगरानी (सर्विलांस) और अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) को मजबूत करना चाहिए और आंकड़ों को साझा करना सुनिश्चित करना चाहिए।
हाल के दिनों में JN.1 के मामले कई देशों में रिपोर्ट किए गए हैं। यह वैश्विक स्तर पर तेजी से फैला है। डब्ल्यूएचओ ने इसके तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए इसे एक अलग वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य का किया गया कम मूल्यांकन
डॉ. खेत्रपाल सिंह ने कहा कि JN.1 के सीमित उपलब्ध सबूतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम का वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कम मूल्यांकन किया गया है। यह अनुमान लगाया गया है कि अन्य वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के फैलने के बीच यह वैरिएंट कोरोना के मामलों में वृद्धि का कारण बन सकता है, खासकर सर्दियों के मौसम में प्रवेश करने वाले देशों में।
कोविड के खिलाफ टीकाकरण पर दिया जोर
डॉ. खेत्रपाल सिंह ने कहा, जो लोग छुट्टिया मनाने के लिए यात्रा करते हैं, इकट्ठा होते हैं, घर के अंदर एक साथ बहुत समय बिताते हैं, उन्हें सुरक्षात्मक उपाय करने चाहिए और अस्वस्थ्य होने पर समय पर चिकित्सीय मदद लेनी चाहिए। क्षेत्रीय निदेश ने कोरोना और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ टीकाकरण के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, “डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित कोरोना के सभी टीके JN.1 सहित सभी वैरिएंट से गंभीर बीमारियों और मौतों से बचाव करते हैं।”
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