भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार को अपने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि वह बृजभूषण सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ विरोध में यह कदम उठा रही हैं।
फोगाट ने पत्र में लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूं। साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक भी यह मामला पहुंचा होगा।”
मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।
इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏 pic.twitter.com/KlhJzDPu9D
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 26, 2023
फोगाट ने आगे लिखा, “मुझे याद है कि 2016 में जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर बनाया था। इसकी घोषणा हुई तो देश की हम सारी महिला खिलाड़ी खुश थीं और एक दूसरे को बधाई के संदेश भेज रही थीं। आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तो मुझे 2016 बार-बार याद आ रहा है।”
फोगाट ने सवाल किया, “क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं? हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई ऐतराज नहीं है क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है। मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है। बस यही दुआ रहेगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो।”
फोगाट ने कहा, “आप (पीएम मोदी) अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए। आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या- क्या किया है। उसने (बृजभूषण सिंह) महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर बोली है।”
फोगाट ने कहा कि कई बार इस सारे घटनाक्रम को भूल जाने का प्रयास भी किया, लेकिन इतना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री से मिली थीं तो उन्होंने इस बारे में उन्हें भी बताया था। उन्होंने कहा कि न्याय के लिए पिछले एक साल से सड़कों पर रहे, लेकिन कोई उनकी सुध नहीं ले रहा।
फोगाट ने कहा कि उनके मेडलों और अवार्डों को 15 रुपये का बताया जा रहा है, लेकिन ये मेडल उन्हें अपनी जान से भी प्यारे हैं। उन्होंने कहा कि जब वे देश के लिए मेडल जीते थे तो सारे देश ने उन्हें अपना गौरव बताया। अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई तो उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है।
फोगाट ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि क्या हम देशद्रोही हैं? हर महिला सम्मान से जिंदगी जीना चाहती है। इस कारण मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड आपको वापस करना चाहती हूं।”
विनेश फोगाट के इस फैसले से भारतीय खेल जगत में खलबली मच गई है। इससे पहले, बजरंग पूनिया ने भी पद्मश्री अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया था। इसके अलावा, साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा की थी।
डब्ल्यूएफआई पर बृजभूषण सिंह के नेतृत्व में कई आरोप लगे हैं। इनमें महिला पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार, वित्तीय अनियमितताएं और चुनाव में अनियमितताएं शामिल हैं। खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है।
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