हरियाणवी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा मुड्ढा अब गांवों की पंचायतों व चौपालों की शान बढ़ाएगा। प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने ग्राम पंचायतों को बैठने के लिए मुड्ढे उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है।
हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड इन मुड्ढों को तैयार करवागा और पंचायत विभाग हरियाणा के कोने-कोने तक मुड्ढे पहुंचाएगा। प्रथम चरण में एक हजार गांवों में ये मुड्ढे दिए जाएंगे। खादी बोर्ड के चेयरमैन की नियुक्ति के बाद पहला ऑर्डर डिप्टी सीएम ने दिया है। दुष्यंत चौटाला का यह कदम गांवों में कुटीर व ग्रामोद्योगों के साथ साथ आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के नवनियुक्त चेयरमैन रामनिवास सुरजाखेड़ा को पदभार संभलवाने के लिए पंचकुला में बोर्ड के कार्यालय गए थे। पदभार संभलवाने के बाद दुष्यंत चौटाला कार्यालय का निरीक्षण करने लगे।
कार्यालय में ही खादी बोर्ड द्वारा बनाए जाने वाले खादी के वस्त्र, कुटीर व ग्रामोद्योग से जुड़ी अन्य वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया था। इसी दौरान अनायास ही दुष्यंत की नजर वहां रखे मुड्ढे पर पड़ी। वे तुरंत वहां रखे मुड्ढे के पास गए और उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि ये मुड्ढा यहां बैठने के लिए है या खादी बोर्ड इसे बेचता भी है? इसपर अधिकारियों ने बताया कि गांवों के कारीगरों से खादी बोर्ड ये मुड्ढे तैयार करवाता है और इन्हें बेचता है। यह सुनते ही दुष्यंत बोले… “अरे वाह, बहुत खूबसूरत हैं ये मुड्ढे”। हरियाणा के कारीगरों से बने मुड्ढे इस कदर पंसद आए कि उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पूछा कि दस हजार मुड्ढे आप कितने दिन में तैयार कर सकते हो। इस बारे में उन्होंने अधिकारियों को जल्द ही रिपोर्ट करने को कहा।
हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग की प्रथम बैठक में मुड्ढों को गांवों तक पहुंचाने बारे विचार किया गया और खादी बोर्ड को दस हजार मुड्ढे तैयार करवाने को कहा गया। डिप्टी सीएम ने प्रथम चरण में हरियाणा की एक हजार पंचायतों को मुड्ढे पहुंचाने का फैसला किया। ये मुड्ढे प्रदेश के विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा खरीद कर पंचायतों को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे न केवल हमारे कुटीर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आत्मनिर्भरता के साथ-साथ कारीगरों की आमदनी बढ़ाने की ओर यह अहम कदम साबित होगा।
स्व. देवीलाल को भी था लगाव : पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. जननायक चौ. देवीलाल का भी मुड्ढों के प्रति खासा लगाव था। वे स्वयं भी बैठने के लिए मुड्ढे का प्रयोग करते थे और जहां कहीं भी पांच छह लोग मुड्ढों पर बैठे दिखते तो चौ. देवीलाल अपनी गाड़ी रूकवाकर उनके पास जाकर ग्रामीणों का हालचाल जानते थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए स्व. चौ. देवीलाल ने गांवों की पंचायत घरों में मुड्ढे पहुंचाए थे।
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