सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद के परिसर के सर्वे पर रोक लगाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी।
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में सभी पक्षों को अगले तीन महीने में अपनी दलीलें पूरी करनी चाहिए।
इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को राहत मिली है। हिंदू पक्ष ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। हिंदू पक्ष का कहना है कि कोर्ट को सर्वे पर रोक नहीं लगानी चाहिए थी।
क्या है मामला
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामला एक विवादास्पद मामला है। हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के अवशेषों पर किया गया था। हिंदू पक्ष ने इस मस्जिद को हटाने और मंदिर को फिर से बनाने की मांग की है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था और यह एक धार्मिक स्थल है।
हिंदू पक्ष की याचिका
हिंदू पक्ष ने 2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के अवशेषों पर किया गया था। याचिका में मस्जिद को हटाने और मंदिर को फिर से बनाने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2023 में हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए शाही ईदगाह मस्जिद के परिसर के सर्वे पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सर्वे से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश को बरकरार रखा। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में सभी पक्षों को अगले तीन महीने में अपनी दलीलें पूरी करनी चाहिए।
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