रेवाड़ी के बिजली घर के पास एक निजी स्कूल कुछ वर्षों से बंद था। पुलिस को सूचना मिली कि इस स्कूल में कुछ लोग नकली शराब बनाने का काम कर रहे हैं। पुख्ता जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने एक टीम तैयार की और स्कूल के आसपास निगरानी शुरू कर दी।
रविवार रात पुलिस ने आबकारी विभाग की टीम को भी सूचना दी। आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर रक्षा, अनिल कुमार और सुरेंद्र कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे। इसके बाद टीम ने स्कूल में छापेमारी की।
उस समय सोमबीर उर्फ कालिया नकली शराब की पेटियां लेकर ठेकों पर शराब बेचने के लिए निकलने वाला था। पुलिस ने सोमबीर को हिरासत में लिया और कार की तलाशी ली तो नकली रम से भरी दो पेटियां मिलीं। उस पर लगे बार कोड को स्कैन करने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
पुलिस ने स्कूल के कमरों की तलाशी ली तो उन्हें 1,802 खाली बोतलें मिलीं, जो रम भरने के लिए बनाई गई थी। पुलिस ने मौके से नकली शराब बनाने की 2 मशीनें भी बरामद की हैं।
आरोपी सोमबीर के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।
यह घटना नकली शराब के खतरे को उजागर करती है। नकली शराब में अक्सर जहरीले पदार्थ होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं। नकली शराब से बचने के लिए, केवल विश्वसनीय दुकानों से शराब खरीदें और बोतल पर लगे बार कोड को स्कैन करके उसकी पुष्टि करें।