Kanwar Yatra 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रियों की सुविधा और आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर संचालकों और मालिकों का नाम और पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए। इसके अतिरिक्त, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश यादव और मायावती का विरोध
इस फैसले का समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कड़ा विरोध किया है।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर पुलिस ने नया फरमान जारी किया है कि ठेले-ढाबे सहित सभी दुकानदार अपना नाम बाहर जरूर लिखें। यह निर्णय अल्पसंख्यक वर्ग को समाज से अलग करने और उन्हें शक के दायरे में लाने की साजिश है।” अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नीति और नीयत दोनों विभाजनकारी हैं और जनता इसे समझ चुकी है। उन्होंने न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेकर इस मामले की जांच करवाने की मांग की।
मायावती की प्रतिक्रिया
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों का नाम लिखने का मुजफ्फरनगर पुलिस का आदेश गलत परंपरा है। “यह सौहार्दपूर्ण माहौल को बिगाड़ सकता है। जनहित में प्रदेश सरकार को इस आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए,” मायावती ने अपने बयान में कहा। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी यूपी और मुजफ्फरनगर के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश गलत परंपरा है।