Assam Flood 2024 असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य के 28 जिलों की लगभग 23 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है, क्योंकि अधिकतर नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या 78 हो चुकी है, जिसमें से 66 लोग बाढ़ में मारे गए हैं।
राहुल गांधी ने बाढ़ पीड़ितों से की मुलाकात
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सिलचर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। राहुल गांधी ने मणिपुर जाते समय कछार जिले के फुलेरताल में बाढ़ राहत शिविर का भी दौरा किया।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी राहत शिविरों की अच्छी तरह से देखभाल की जा रही है और स्थिति सामान्य होने तक उनमें पर्याप्त आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों की सुरक्षा और स्वच्छता सरकार की प्राथमिकता है और उनकी टीम वास्तविक समय पर फीडबैक ले रही है।
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र और राहत अभियान
वर्तमान में, 28 जिलों के 3,446 गांवों में लगभग 23 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि 68,432.75 हेक्टेयर फसल भूमि बाढ़ की चपेट में है। धुबरी में सबसे अधिक 7,54,791 लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद कछार में 1,77,928 और बारपेटा में 1,34,328 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं।
कुल मिलाकर 53,689 लोगों ने 269 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि 3,15,520 गैर-राहत शिविरों में रहने वालों को राहत सामग्री प्रदान की गई है। ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
विभिन्न नदियों का जलस्तर
असम में कई नदियां खतरे के निशान को पार कर बह रही हैं, जिसमें खोवांग में बूढ़ी दिहिंग, शिवसागर में दिखौ, नांगलमुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमातुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा शामिल हैं।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन समेत कई एजेंसियां 171 नावों के साथ राहत और बचाव अभियान चला रही हैं। पिछले 24 घंटों में विभिन्न एजेंसियों ने कुल 70 लोगों और 459 मवेशियों को बचाया है। पूरे राज्य में सड़कों, पुलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और मत्स्य तालाबों को नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जंगली जानवरों की मौत
असम में बाढ़ के कारण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अब तक छह गैंडों सहित 131 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की फील्ड डायरेक्टर सोनाली घोष ने बताया कि बाढ़ के कारण 131 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जिसमें छह गैंडे, 100 हॉग डियर और दो सांभर शामिल हैं। पार्क प्राधिकरण और वन विभाग ने बाढ़ के दौरान 97 जंगली जानवरों को बचाया है।
वन शिविरों की स्थिति
राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन 233 में से 69 वन शिविर पानी में डूबे हुए हैं। काजीरंगा रेंज, बागोरी रेंज, अगराटोली रेंज, बुरापहाड़, बोकाखाट, नागांव और विश्वनाथ वन्यजीव प्रभाग के विभिन्न शिविर पानी में डूबे हुए हैं। बाढ़ के कारण चार वन शिविरों को भी खाली करा दिया गया है।