अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस ऐतिहासिक मौके पर देश-दुनिया के तमाम हिस्सों से साधु-संत अयोध्या पहुंचेंगे। इनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था के लिए हरियाणा के स्वामी कपिल पुरी महाराज को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रोहतक स्थित गोकर्ण पीठ श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े से संबंधित है। गोकर्ण पीठ के पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर बाबा कपिल पुरी महाराज हैं। जूना अखाड़े की ओर से रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा प्रोग्राम में पहुंचने वाले साधु-संतों के ठहरने और भंडारे की व्यवस्था के लिए खास व्यवस्था की गई है। इसी से जुड़े इंतजाम देखने के लिए जो टीम बनाई गई है, उसके अध्यक्ष कपिल पुरी महाराज बनाए गए हैं।
कपिल पुरी महाराज ने बताया कि उन्हें भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, अयोध्या में होने वाले प्रोग्राम का निमंत्रण मिल गया है। वहां 17 जनवरी से उनका भंडारा शुरू होगा जो 10 दिन तक नियमित तौर पर चलेगा। इस दौरान सारा प्रसाद देशी घी में बनाया जाएगा। जिससे जुड़ी सभी व्यवस्थाएं वह खुद देखेंगे।
राम मंदिर से आधा किलोमीटर दूर भंडारा कपिल पुरी महाराज ने बताया कि अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर से तकरीबन 500 मीटर यानी आधा किलोमीटर दूर जूना अखाड़े का तकरीबन 350 गज का प्लाट है। इसी जगह पर लगभग 500 साधु-संतों के ठहरने और भंडारे की व्यवस्था रहेगी। इससे जुड़ी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
कपिल पुरी महाराज ने बताया कि साधु-संतों के साथ-साथ उनका लंगर अयोध्या पहुंचने वाले बाकी भक्तों के लिए भी खुला रहेगा। लंगर में प्रसाद बनाने के लिए सामग्री हरिद्वार, रोहतक और दूसरी कई जगह से आएगी। हलवाई लोकल एरिया से बुलाए जाएंगे।
17 से शुरू हो जाएगा लंगर कपिल पुरी महाराज ने बताया कि 10 जनवरी को ही रोहतक से लंगर की सामग्री और ठहरने की व्यवस्थाओं से जुड़ा सामान अयोध्या के लिए रवाना कर दिया जाएगा। इसमें बिस्तर, चद्दर, गद्दे, कंबल और दूसरा सामान शामिल होगा। यह सामान 11 जनवरी को वहां पहुंचेगा। उसके बाद उनकी टीम वहां तैयारियां पूरी करेगी। वह खुद 16 जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होंगे।
कपिल पुरी महाराज के अनुसार, 17 जनवरी से उनका लंगर और ठहरने की व्यवस्था शुरू हो जाएगी जो 10 दिन तक जारी रहेगी। लंगर में रोजाना चावल-दाल, रोटी-सब्जी, आलू-पूरी और रायता के साथ देशी घी में मिठाई बनेगी।
कपिल पुरी महाराज ने कहा कि उन्हें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े ऐतिहासिक मौके का साक्षी बनने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के प्रोग्राम में वही लोग शामिल हो पाएंगे जिन्हें निमंत्रण मिला है। ऐसे में जो लोग वहां नहीं जा पा रहे, वह 22 जनवरी का दिन दीपावली की तरह मनाएं और अपने घरों में दीपक जलाएं।
गौरतलब है कि रोहतक का गोकर्ण तीर्थ स्थल लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग अपने जीवन में सफलता की कामना लेकर यहां आते हैं।
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