हरियाणा सरकार ने गांवों में जमीन को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। अब हरियाणा के गांवों में भी जमीन के कलेक्टर रेट तय किए जाएंगे।
इसके लिए राजस्व विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत हर गांव का अपना कलेक्टर रेट होगा। इसके जमीन रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता भी आएगी। राजस्व विभाग ने सभी तहसीलों को इसके लिए सर्वे करके रेट का ड्राफ्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं जिससे कि उसमें आपत्ति आदि मंगवाने के बाद हर गांव के कलेक्टर रेट घोषित हो सकें। इससे गांवों में जमीन के रेट महंगे होने के भी आसार हैं। वहीं सरकार ने निर्णय लिया है कि पंचायती जमीनों पर कब्जा करने वालों पर सख्ती होगी और जमीन खाली ना करने के तीन महीने के अंदर की कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरपंचों की भी जबावदेही निर्धारित करने की योजना है।
हरियाणा में पंचायती, शामलात और सांझे की जमीनों पर अवैध कब्जों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने इन केसों को लेकर सरकार से सख्ती से निपटने के आदेश दिये था। इतना ही नहीं कब्जाधारकों पर केस दर्ज कर जमीनों से कब्जा हटवाकर पंचायतों को सौंपने के आदेश दिए थे। पंचायती जमीनों पर कब्जों को लेकर काफी गांवों की शिकायतें विभाग के पास पेंडिंग है।
वहीं कोर्ट में भी केस है। लेकिन जिन लोगों ने पंचायती जमीनों पर कब्जा किया है वो इन जमीनों को छोड़ नहीं रहे हैं। इसके लिए प्रशासन भी दौड़ धूप कर रहा है लेकिन बावजूद इसके कब्जे नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने भी मुहिम छेड़ने की बात कही है। उन्होंने सभी पंचायतों से अवैध कब्जों को हटाने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाने की बात कही है।
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