डाबर चेयरमैन और डायरेक्टर पर महादेव बेटिंग ऐप मामले में केस दर्ज

डाबर ग्रुप के चेयरमैन मोहित बर्मन और डायरेक्टर गौरव बर्मन के खिलाफ मुंबई पुलिस ने महादेव बेटिंग ऐप मामले में केस दर्ज किया है। FIR में इन दोनों के अलावा 30 अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं। इनमें एक्टर साहिल खान भी शामिल हैं।

FIR में आरोप है कि आरोपियों ने लोगों को धोखा देकर 15,000 करोड़ रुपए की ठगी की है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है।

FIR के अनुसार, मोहित बर्मन को आरोपी के रूप में 16वें नंबर पर लिस्ट किया गया है, जबकि गौरव बर्मन 18वें नंबर पर हैं। साहिल खान का नाम 26 नंबर पर है।

इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर ने शिकायत दर्ज कराई थी। प्रकाश का दावा है कि लोगों से 15,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस सिंडिकेट की जांच कर रहा है। सिंडिकेट के प्रमोटर कथित रूप से विदेश में बैठे हैं और अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद से भारत में बिजनेस ऑपरेट कर रहे थे। केस में 4 लोगों को गिरफ्तार और 14 के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की है।

महादेव बेटिंग ऐप का इतिहास

महादेव बेटिंग ऐप की शुरुआत 2019 में हुई थी। इस ऐप को छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर और उनके दोस्त रवि उत्पल ने बनाया था।

सौरभ चंद्राकर उस समय जूस की दुकान चलाता था। रवि उत्पल एक इंजीनियर थे। दोनों ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई।

शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे, काफी कम कमाई होती थी। 2019 में सौरभ चंद्राकर नौकरी के लिए दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया।

रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग ऐप बनाया।

बिजनेस फैलाने के लिए इन्होंने दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप को खरीद लिया।

इस तरह महादेव बेटिंग ऐप तेजी से लोकप्रिय हो गया। इस ऐप के जरिए लाखों लोग सट्टा लगाने लगे। ऐप के प्रमोशन के लिए कई बॉलीवुड और टीवी सेलेब्रिटीज को भी शामिल किया गया।

ऐप के जरिए लोगों से धोखाधड़ी

महादेव बेटिंग ऐप के जरिए लोगों से धोखाधड़ी की जाने लगी। ऐप के मालिकों ने लोगों से पैसे तो ले लिए, लेकिन उन्हें जीतने का मौका नहीं दिया।

ऐप में फिक्सिंग की भी शिकायतें आने लगीं। लोगों का आरोप था कि ऐप के मालिक मैच के नतीजे पहले से ही तय कर लेते हैं।

इस मामले में कई शिकायतें भी दर्ज हुईं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में जांच शुरू की।

अब देखना होगा कि इस मामले में डाबर चेयरमैन और डायरेक्टर पर क्या कार्रवाई होती है।