हरियाणा की बेटी अंतिम पंघाल को अर्जुन अवार्ड के लिए चुना गया है। अंतिम पंघाल ने इस साल वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
अंतिम पंघाल का जन्म 13 मार्च 2003 को हिसार जिले के गांव भगाना में हुआ था। उनके पिता रामनिवास किसान हैं और माता कृष्णा गृहिणी हैं। अंतिम की चार बहनें और एक भाई है।
अंतिम पंघाल ने पहलवानी की शुरुआत 10 साल की उम्र में की थी। उनके बड़े बहन सरिता ने उन्हें पहलवानी के लिए प्रेरित किया था। सरिता भी एक नेशनल कबड्डी खिलाड़ी हैं।
अंतिम पंघाल ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने 2022 में अंडर-20 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, अंडर-23 एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक और अंडर-20 जूनियर वूमन नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है।
अंतिम पंघाल के पिता रामनिवास ने बताया कि उनकी बेटी का सपना था कि वह कुश्ती में नाम रोशन करे। उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी के लिए गांव छोड़कर हिसार शहर आकर बसे थे ताकि वह बेटी की कुश्ती की प्रैक्टिस में कोई परेशानी न आए।
अंतिम पंघाल के अर्जुन अवार्ड मिलने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अंतिम पंघाल का अर्जुन अवार्ड से सम्मानित होना हरियाणा के लिए गर्व की बात है।
अंतिम पंघाल ने अपने अर्जुन अवार्ड मिलने पर कहा कि वह इस अवार्ड को अपनी मां और पिता को समर्पित करती हैं। उन्होंने कहा कि वह आगे भी देश के लिए मेडल जीतने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी।
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