हरियाणा में परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) से सरकारी योजनाओं का लाभ देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर लाभार्थियों को इससे वंचित होना पड़ रहा है। पीपीपी में बैंक खाता अपडेट न होने की वजह से बुजुर्गों की पेंशन और विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रुक गई है।
बुजुर्गों और विद्यार्थियों ने बैंक और सरल केंद्रों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। इससे उनकी टेंशन बढ़ रही है। बैंक में केवाईसी अपडेट हो गई है, लेकिन क्रीड पीपीपी में इसे अपडेट नहीं कर रहा है।
प्रदेशभर में दो साल से अधिक पेंशन के लाभार्थी हैं, जिन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के मामले भी काफी सामने आ रहे हैं।
पिछले दिनों आय सत्यापन के कारण लोगों की परेशानियों बढ़ी थी और अब बैंक डाटा अपडेट न होना गले का फांस बन गया है।
विभाग के अधिकारियों की मानें तो एक माह के अंदर आय का सत्यापन किया जा रहा है, जिसका रिकार्ड भी आनलाइन दर्ज कर रहे हैं। लेकिन अभी तक बुजुर्गों की पेंशन की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही है।
पीपीपी में आए दिन अलग-अलग तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं। इसमें किसी की जाति, पता और दो परिवारों को एक ही नंबर जारी करना हो पहले समस्या आती थी। लेकिन अब परिवार का मुखिया ही बदल रहे हैं। ऐसे परिवार का मुखिया बदले जाने से अन्य सदस्यों से उनके रिश्ते भी बदल गए हैं।
जो पहले किसी का बेटा था उसे पति बना दिया है। अब रिश्ते का कालम बदलने के बाद ही इस समस्या का समाधान हो सकता है। जिसके कारण पीपीपी उनके लिए परेशानी बन गई। इसको दुरुस्त करवाने के लिए वे चार से पांच माह से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है।
जिन लोगों की पीपीपी में दिक्कत है वे कॉमन सर्विस सेंटर, सरल केंद्र में जाकर अपनी आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। कॉमन सर्विस सेंटर में उनके 50 से 100 रुपये लिए जा रहे हैं, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो रहा है।
पीपीपी की त्रुटियों को दुरुस्त करने के लिए दो हेल्प डेस्क लगाए गए हैं, जहां पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। जिन लोगों के बैंक खाते अपडेट संबंधित समस्या है वे सरल केंद्र में जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाएं, जिसमें एक माह के अंदर समाधान हो जाएगा।
क्या है पीपीपी?
परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज है, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों का विवरण होता है। इसमें परिवार के सदस्यों के नाम, पता, आयु, जाति, धर्म, आय, रोजगार आदि जानकारी दर्ज होती है।
पीपीपी का उपयोग सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए किया जाता है। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को बार-बार दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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