सुप्रीम कोर्ट पहुंची अतुल सुभाष की मां, पोते की कस्टडी के लिए लड़ाई तेज
बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ आया है। उनकी मां अंजू मोदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए चार वर्षीय पोते की कस्टडी के लिए याचिका दायर की है। अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न और झूठे आरोप लगाने के गंभीर आरोप लगाए थे।
बच्चे की स्थिति पर उठ रहे सवाल
अंजू मोदी ने याचिका में दावा किया है कि उन्हें अपने पोते के ठिकाने की जानकारी नहीं है।
- सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया ने पुलिस को बताया कि बच्चा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में है।
- निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया, जिनकी कस्टडी में बच्चा होने का दावा किया गया, ने इसके बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में 7 जनवरी को होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकारों को नोटिस जारी करते हुए स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
निकिता और परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
कर्नाटक पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को 16 दिसंबर को गिरफ्तार किया था।
- सुभाष के सुसाइड नोट और वीडियो में इन पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए।
- तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
बच्चे की कस्टडी के लिए संघर्ष
अंजू मोदी और उनके पति पवन कुमार ने पोते की कस्टडी को लेकर सिंघानिया परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- उन्होंने कहा कि सिंघानिया परिवार ने बच्चे की जानकारी छिपाने के प्रयास किए।
- अंजू मोदी ने कोर्ट से बच्चे की कस्टडी सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है।