West Bengal Politics: ‘सबका साथ सबका विकास की जरूरत नहीं, जो हमारे साथ हम उनके साथ’, बंगाल में बोले बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी

West Bengal Politics

West Bengal Politics शुभेंदु अधिकारी का बड़ा बयान: बंगाल में नई रणनीति

पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष और बीजेपी लीडर शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को एक बड़ा बयान दिया है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा, “आप (बीजेपी नेता) सभी कहते हैं- ‘सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन अब हम यह नहीं कहेंगे। अब हम कहेंगे ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ…’ सबका साथ, सबका विकास कहना बंद करो। अल्पसंख्यक मोर्चा की भी जरूरत नहीं है।”

हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण पर जोर

शुभेंदु अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अब बीजेपी का फोकस हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण पर होगा। उन्होंने कहा, “हम जीतेंगे, हम हिंदुओं को बचाएंगे और संविधान को बचाएंगे। मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की। आप सभी ने नारा भी दिया कि सबका साथ, सबका विकास।” इसके बाद शुभेंदु ने दोनों हाथ जोड़कर कहा कि अब हम यह नहीं कहेंगे।

पीएम मोदी के नारे से हटना

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी का यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ का नारा दे चुके हैं। ऐसे में शुभेंदु अधिकारी का इस नारे से हटना काफी अहम माना जा रहा है। उनके इस बयान से यह साफ हो गया है कि भाजपा अब बंगाल में हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की दिशा में काम करेगी।

संघर्ष का नया मोर्चा

बंगाल भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोटरों ने एकजुट होकर टीएमसी को वोट दिया, जिससे टीएमसी को फायदा हुआ। वहीं, हिंदू वोटों में विभाजन दिखा। ऐसे में अब हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश की जाएगी। संदेशखाली जैसी घटनाओं से भी भाजपा ने यह कोशिश की थी, लेकिन अब इस एजेंडे पर वह आक्रामक हो सकती है।

उपचुनाव में हार की वजह

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने उपचुनाव में बीजेपी की हार की भी वजह बताई। उन्होंने दावा किया कि उपचुनाव में हजारों लोग अपना वोट नहीं डाल पाए। उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में भी लाखों हिंदुओं को वोट डालने नहीं दिया गया।”

मातदाताओं के लिए पोर्टल लॉन्च

इस मौके पर शुभेंदु अधिकारी ने एक पोर्टल भी लॉन्च किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जैसा मैंने वादा किया था, मैंने एक पोर्टल लॉन्च किया है, जहां वे मतदाता अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे, जिन्हें वोट नहीं डालने दिया गया। ऐसे लोगों की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।”