अमित शाह के बयान पर बवाल: कांग्रेस ने इस्तीफे और माफी की मांग की
राज्यसभा में मंगलवार को संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान ने सियासी घमासान मचा दिया है। कांग्रेस ने इस बयान को आंबेडकर का अपमान करार देते हुए गृह मंत्री से इस्तीफा और देश से माफी की मांग की। इस मुद्दे को लेकर संसद में भी जोरदार हंगामा देखने को मिला।
क्या कहा था अमित शाह ने?
अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा था, “अभी एक फैशन हो गया है। आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। आंबेडकर का नाम सौ बार लें, लेकिन कांग्रेस पार्टी का उनके प्रति असली भाव क्या है, यह मैं बताता हूं।”
शाह ने आगे कहा कि डॉ. आंबेडकर ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा अनुसूचित जनजातियों के प्रति व्यवहार, अनुच्छेद 370, और विदेश नीति के कारण दिया था। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि आंबेडकर का नाम सिर्फ वोटबैंक के लिए लिया जाता है।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शाह के बयान को आंबेडकर का अपमान बताते हुए कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब का अपमान किया है। उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।” उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा और आरएसएस आंबेडकर से नफरत करते हैं और संविधान की जगह मनुस्मृति लागू करना चाहते थे।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने अमित शाह के बयान को दलितों और आंबेडकर का सीधा अपमान बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा का यह रवैया दिखाता है कि उनके नेता वंचित और शोषित वर्ग के प्रति क्या सोच रखते हैं।”
नेहरू पर टिप्पणी को लेकर भी हुआ विवाद
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे संविधान के पहले संशोधन पर गलत तथ्यों को पेश कर नेहरू पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह संशोधन आरक्षण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए किया गया था।