हरियाणा में भले ही एक सीट बरोदा के लिए उपचुनाव होना है लेकिन सभी पार्टियों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। अभी तक प्रत्याशियों की तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हुई हैं, लेकिन गुरूवार 15 अक्टूबर को तीनो बड़ी पार्टियों अपने-अपने उम्मीदवारों का एलान कर देंगी। तीनो ही पार्टियां अपनों की बजाए दूसरी दलों के नेताओं ज्यादा विश्वास दिखा रही हैं। ऐसे में टिकट की स्थिति के अनुसार कुछ नेता इन दो दिनों में अचानक दल बदल सकते हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं किस पार्टी से कौन होगा उम्मीदवार।
भाजपा : इस बार पार्टी का मन किसी जाट उम्मीदवार को उतारने का है। पार्टी अगर जाट उम्मीदवार ही फाइनल करती है तो ऐसे में पिछली बार यहां जेजेपी से चुनाव लड़े भूपेंद्र मलिक को पार्टी टिकट दे सकती है। लेकिन टिकट की स्थिति में भाजपा पहले उसे अपनी पार्टी में शामिल करवाना चाहती है। इसके लिए भाजपा ने भूपेंद्र से बात भी की है और उसे अपनी पार्टी नेताओं को मनाने के लिए कहा है। लेकिन जेजेपी नेता इस बात पर कम सहमत हैं कि भूपेन्द्र भाजपा ज्वाइन करे। हालांकि बुधवार रात खुद सीएम मनोहर लाल ने भूपेन्द्र मलिक को मिलने के लिए दिल्ली बुलाया, जहां भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मीटिंग थी।
कांग्रेस : कांग्रेस के अंदर भूपेंद्र हुड्डा गुट नहीं चाहता है कि इस जीता हुड्डा को टिकट मिले। सूत्रों के अनुसार 2019 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेजेपी से भाजपा में आए वरिष्ठ नेता कपूर नरवाल पिछले कुछ समय से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से नजदीकी बनाए हुए हैं और भाजपा के कार्यक्रमों से दूर हैं। वो पहले भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। ऐसे में भूपेन्द्र हुड्डा उनको टिकट दिलाने का मन बना चुके हैं और उनका नाम ऊपर भेजा भी गया है। हुड्डा गुट का तर्क है कि चुनाव इसी हल्के के किसी स्थानीय नेता को लड़ाया जाए।
इनेलो : ये इंतजार में है कि भाजपा और कांग्रेस से किन बड़े नेताओं की टिकट कटती है। जिन बड़े नेताओं की टिकट कटेगी उनमें से किसी एक को इनेलो टिकट देगी और इस तरह के कुछ नेताओं से इनेलो पहले से ही संपर्क बनाए हुए भी है। क्योंकि इनेलो चाहती है कि कोई चर्चित चेहरा चुनाव लड़े जिससे वो पार्टी में नई जान ला सकें।
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