विटामिन बी12 एक पानी में घुलनशील विटामिन है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन, डीएनए संश्लेषण और तंत्रिका तंत्र के कार्य के लिए आवश्यक है।
विटामिन बी12 की कमी आमतौर पर बुजुर्गों, शाकाहारी लोगों और कुछ बीमारियों से पीड़ित लोगों में देखी जाती है। विटामिन बी12 की कमी के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- थकान
- कमजोरी
- भूख न लगना
- वजन कम होना
- एनीमिया
- मुंह में छाले
- हाथ और पैरों में झुनझुनी
- याददाश्त में कमी
- डिप्रेशन
- चिड़चिड़ापन
विटामिन बी12 की कमी से डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन होने की संभावना बढ़ जाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन बी12 की कमी वाले लोगों में डिप्रेशन के लक्षण होने की संभावना 2.5 गुना अधिक होती है।
विटामिन बी12 की कमी से डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक कारण यह है कि विटामिन बी12 सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में मदद करता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर मूड को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दूसरा कारण यह है कि विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र के कार्य के लिए आवश्यक है। जब विटामिन बी12 की कमी होती है, तो तंत्रिका तंत्र ठीक से काम नहीं कर सकता है, जिससे डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन जैसे लक्षण हो सकते हैं।
विटामिन बी12 की कमी का इलाज करने के लिए, आपको विटामिन बी12 की सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता हो सकती है। विटामिन बी12 सप्लीमेंट आमतौर पर मुंह से लिया जाता है, लेकिन इन्हें इंजेक्शन के रूप में भी दिया जा सकता है।
यदि आपको विटामिन बी12 की कमी के लक्षण हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। डॉक्टर आपकी विटामिन बी12 के स्तर की जांच करेंगे और यदि आवश्यक हो तो आपको सप्लीमेंट लेने की सलाह देंगे।
विटामिन बी12 की कमी को रोकने के लिए, सुनिश्चित करें कि आप अपने आहार में विटामिन बी12 से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इनमें शामिल हैं:
- मांस
- मछली
- अंडे
- डेयरी उत्पाद
- यकृत
- सोयाबीन
- नट्स और बीज
यदि आप शाकाहारी या शाकाहारी हैं, तो आपको अपने विटामिन बी12 के स्तर की जांच कराने की विशेष रूप से आवश्यकता है।
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