वाजपेयी और मालवीय की जयंती पर श्रद्धांजलि: राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी और दिग्गज नेताओं ने किया नमन
भारत के दो महान सपूतों, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर देश ने उन्हें याद किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख नेताओं ने उनके योगदान को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
सदैव अटल स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने ‘सदैव अटल’ स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने किया वाजपेयी के विजन का स्मरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी 100वीं जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में निरंतर प्रेरणा देता रहेगा।”
पीएम मोदी ने वाजपेयी की संवैधानिक मूल्यों और देश को नई दिशा देने वाली नेतृत्व क्षमता को भी सराहा। उन्होंने नमो ऐप पर वाजपेयी के सम्मान में एक आलेख साझा किया, जिसमें उनके कार्यकाल और योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई।
अटल बिहारी वाजपेयी: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था। इसके बाद 1998 में वे 13 महीने तक प्रधानमंत्री रहे, और 1999 में तीसरी बार उन्होंने प्रधानमंत्री पद संभाला। वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण किया।
महामना मदन मोहन मालवीय को किया नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा, “महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। वह स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ भारत में शिक्षा के अग्रदूत थे। उनका अतुलनीय योगदान सदैव प्रेरणा देगा।”
महामना मदन मोहन मालवीय: शिक्षा और स्वतंत्रता संग्राम के नायक
मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयागराज में हुआ। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी रहे। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना की और 1909 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की। 2014 में उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।