तिब्बत: आजादी के नारे पर कटी जेल, अब चीन के जुल्मों को दुनिया के सामने ला रही तिब्बत की बेटी
15 साल की उम्र में जेल, 9 साल बाद भारत पहुंची
2015 में 15 साल की उम्र में दलाई लामा और फ्री तिब्बत की मांग के लिए प्रदर्शन करने पर गिरफ्तार हुई नामाकी नामक एक तिब्बती लड़की, 9 साल की यातना और जेल के बाद भारत पहुंची है। 28 जून 2023 को वह नेपाल होते हुए धर्मशाला पहुंची, जहां वह तिब्बती सरकार द्वारा चलाए जा रहे शैक्षणिक संस्थान में पढ़ रही हैं।
चीनी अत्याचारों का खुलासा
नामाकी ने चीन के अत्याचारों का खुलासा करते हुए कहा कि जेल में उन्हें और उनकी बहन तेनज़िन डोलमा को बुरी तरह पीटा गया और दलाई लामा के बारे में सवाल पूछे गए। 21 अक्टूबर 2018 को रिहा होने के बाद भी उनके परिवार पर जुल्म जारी रहे। 13 मई 2023 को डर के मारे वह नेपाल भाग निकलीं और फिर भारत आ गईं।
तिब्बत की सच्चाई दुनिया के सामने लाना चाहती हैं नामाकी
नामाकी का कहना है कि वह अब चीन के जुल्मों और तिब्बत की सच्चाई को दुनिया के सामने लाना चाहती हैं। उनका कहना है कि चीन तिब्बत में धार्मिक स्वतंत्रता और संस्कृति को खत्म कर रहा है।
नामाकी दलाई लामा का समर्थन करती हैं और उनका मानना है कि वह तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का प्रतीक हैं।
चीन नामाकी के आरोपों को खारिज करता है और दावा करता है कि उसने तिब्बत में विकास और समृद्धि लाई है।
1959 में दलाई लामा के निर्वासन के बाद से चीन और तिब्बत के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। चीन तिब्बत पर अपना अधिकार जमाए हुए है, जबकि तिब्बती स्वतंत्रता की मांग करते हैं।