सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: जीएसटी और सीमा शुल्क मामलों में अग्रिम जमानत संभव
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि जीएसटी और सीमा शुल्क कानूनों के तहत गिरफ्तारी से पहले भी व्यक्ति अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख कर सकता है, भले ही उसके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज न हुई हो।
पिछले साल सुरक्षित रखा गया था फैसला
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश तथा बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने सीमा शुल्क और जीएसटी अधिनियमों में दंडात्मक प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 मई 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
गिरफ्तारी से पहले राहत संभव
कोर्ट ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को गिरफ्तारी की आशंका है, तो वह एफआईआर दर्ज होने से पहले भी अग्रिम जमानत के लिए अदालत जा सकता है। इसके अलावा, जीएसटी विभाग द्वारा जारी परिपत्रों का सख्ती से पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
BNSS/CrPC के प्रावधान लागू होंगे
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि जीएसटी और सीमा शुल्क अधिनियमों के दंडात्मक प्रावधान सीआरपीसी और संविधान के अनुरूप नहीं हैं। मुख्य न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि सीआरपीसी और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधान इन मामलों में भी लागू होंगे।
2018 में दायर हुई थी याचिका
इस मामले में मुख्य याचिका 2018 में राधिका अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी। अदालत ने स्पष्ट किया कि जीएसटी और सीमा शुल्क कानूनों के तहत संभावित गिरफ्तारी का सामना कर रहे व्यक्ति अग्रिम जमानत लेनेके हकदार होंगे।