डर और विरोध के साए में सीरिया का क्रिसमस: कट्टरपंथियों ने जलाया क्रिसमस ट्री, ईसाई समुदाय में आक्रोश
सीरिया में तख्तापलट के बाद इस साल का क्रिसमस एक भय और विरोध से भरे माहौल में मनाया गया। कट्टरपंथी संगठन हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के दमिश्क पर कब्जे के बाद से ईसाई समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना गहराई हुई थी। इस बीच, राजधानी में क्रिसमस ट्री जलाए जाने की घटना ने समुदाय को और अधिक आक्रोशित कर दिया।
क्रिसमस पर विरोध प्रदर्शन
दमिश्क में क्रिसमस ट्री जलाने की घटना के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मध्य सीरिया के ईसाई बहुल शहर सुकायलाबिया में क्रिसमस ट्री को जलते हुए देखा गया। हुड पहने लड़ाके इस घटना को अंजाम दे रहे थे।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, यह आगजनी विदेशी जिहादियों द्वारा की गई थी। हालांकि, HTS के एक स्थानीय धार्मिक नेता ने इस घटना की निंदा की।
चर्च में प्रार्थना और राहत की भावना
हालांकि भय के बावजूद, दमिश्क के चर्चों में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। लगभग 500 श्रद्धालुओं ने क्रिसमस की प्रार्थनाओं और भजनों में भाग लिया। सारा लतीफा नामक एक महिला ने कहा, “हमने सोचा था कि इन परिस्थितियों में क्रिसमस मनाना असंभव होगा। लेकिन भगवान का शुक्र है कि हम ऐसा कर सके।”
ईसाई समुदाय की घटती संख्या
सीरिया में गृह युद्ध शुरू होने से पहले ईसाई समुदाय देश की कुल जनसंख्या का 10% (करीब 15 लाख) था। लेकिन बीते 14 वर्षों में यह संख्या घटकर 2% से भी कम रह गई है। वर्तमान में, सीरिया में लगभग तीन लाख ईसाई बचे हैं, जिनमें से अधिकांश दमिश्क और इसके आसपास के इलाकों में रहते हैं। अलेप्पो जैसे बड़े शहरों में ईसाई जनसंख्या 12% से गिरकर मात्र 1.4% रह गई है।