वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ रामलला रक्षा यंत्र, जानें इसकी खासियत

Rajiv Kumar

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुआ रामलला रक्षा यंत्र, जानें इसकी खासियत

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। श्रीराम से जुड़े इस विश्व कीर्तिमान ने दीपोत्सव के दौरान जलाए गए लाखों दीपों की भांति अपनी अलग पहचान बनाई है। अब रामलला रक्षा यंत्र को भी वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में विशेष स्थान मिला है। इस यंत्र को धर्मप्रेमियों द्वारा पूजित एक अद्वितीय उपलब्धि के रूप में मान्यता दी गई है।

प्राण प्रतिष्ठा के साथ शुरू हुआ निर्माण

रामलला रक्षा यंत्र का निर्माण राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर शुरू किया गया था। ज्योतिर्विद डॉ. राजानंद शास्त्री ने इसे शास्त्रोक्त विधि-विधान के अनुसार तैयार करवाया। उनका मानना है कि श्रीराम का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने और उनके आध्यात्मिक ऊर्जा प्रवाह को संरक्षित करने के लिए इस यंत्र की रचना की गई है।

श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी इसी प्रकार के रक्षा यंत्र का उपयोग किया गया था। यही कारण है कि मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉ. राजानंद शास्त्री ने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत श्रीरामलला रक्षा यंत्र को राम मंदिर से जुड़े कोटि-कोटि भक्तों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे सनातन संस्कृति को और अधिक मजबूती मिले।

रामलला रक्षा यंत्र की खासियत

  • विशेष संरचना: यह यंत्र चांदी से बना हुआ है, जिसका वजन 14 ग्राम और आकार 4.25 इंच लंबा व 3.25 इंच चौड़ा है।
  • आध्यात्मिक डिजाइन: इसमें छह त्रिकोण और आठ पंखुड़ियों के साथ दिशाओं और कुबेर के स्थान का विशेष निर्धारण किया गया है।
  • शक्तिशाली प्रतीक: यंत्र के केंद्र में माता सीता और श्रीराम की प्रतिष्ठा के साथ उनका बीज मंत्र अंकित है।
  • हनुमानजी का संरक्षण: इसे हनुमानजी से कीलित किया गया है, जिससे इसकी शुभता और प्रभाव अक्षुण्ण बना रहे।

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