Rajasthan : 100 फीट गहरे बोरवेल में गिरी महिला, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम ने बचाव कार्य किया शुरू

बोरवेल में महिला मोना बाई के गिरने की सूचना के बाद भरतपुर और जयपुर से बचाव दल मौके पर पहुंच।
  • 93 फुट की गहराई पर हाथ का ऊपरी हिस्सा दिखा, आधी रात के बाद भी मौके पर डटी रही टीम

गंगापुर सिटी : घर के पास बने बोरवेल में विवाहिता गिर गई। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घटना गंगापुर सिटी से 27 किलोमीटर दूर बामनवास और मंडावरी थाने के बॉर्डर से सटे गुडला के पास की है। मौके पर पहुंचे डिप्टी संतराम मीणा ने बताया- बैरवा ढाणी की मोना बाई (25) पत्नी सुरेश के खुले बोरवेल में गिरने की जानकारी मिली है। बोरवेल के पास विवाहिता की चप्पल मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी थी। हादसे की पुष्टि होने के बाद स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। विवाहिता अपने पति, देवर और देवरानी के साथ रहती है।

अतिरिक्त जिला कलेक्टर हरिराम मीना ने बताया- दोपहर में घटना की सूचना मिलते ही करीब 1 बजे रेस्क्यू के इंतजाम शुरू कर दिए गए थे। प्राथमिक तौर पर रेस्क्यू और ऑक्सीजन के लिए बीसीएमओ डॉ. नंद किशोर मीणा सहित उनकी मेडिकल टीम को मौके पर तैनात किया गया। बोरवेल में ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई गई। पुलिस उपाधीक्षक संतराम मीना के नेतृत्व में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ संभागीय मुख्यालय भरतपुर और एसडीआरएफ मुख्यालय जयपुर से रेस्क्यू टीमें बुलाई गईं।

रात 11 बजे के बाद भी मशक्कत करती रही टीम : रात 11 बजे के बाद भी टीम महिला को बोरवेल से निकालने के लिए मशक्कत करती रही। छोटी वाली रिंग डालने के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद एनडीआरएफ ने बड़ी वाली रिंग के जरिए बचाव कार्य शुरू किया है। यह रिंग लोहे की छड़ में लगी हुई है। इसी के जरिए फंसाकर निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

25 दिन पहले खुदवाया था बोरवेल : परिवार के लोगों ने बताया- करीब 25 दिन पहले ही यह बोरवेल खुदवाया था। इसमें पानी नहीं निकला। निराश होकर बोर में पाइप नहीं डलवाया। करीब सवा फुट चौड़ा बोरवेल खुला हुआ था। कभी कोई हादसा नहीं हो जाए, इसलिए बोरवेल को काफी हद तक मिट्टी से भर दिया था। 100 फुट की गहराई बोरवेल की अब भी बची थी। अभी खेतों में फसल खड़ी है। मिट्टी खोदने से फसल खराब होने का अंदेशा था। परिवार के लोगों ने फसल कटने के बाद इसे पूरा मिट्टी से भरने का फैसला किया था। तब तक हादसा हो गया।

माधाराम सुथार का जुगाड़ नहीं चलेगा : एनडीआरएफ टीम के सदस्यों ने बताया- उन्हें इस प्रकार के बोरवेल रेस्क्यू की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें इनके अपने विशेष प्रकार के डिजाइन किए गए उपकरण ही काम में आते हैं। माधाराम सुथार का जुगाड़ बच्चों के रेस्क्यू में कारगर होता है। इसमें रस्सी की फंदेनुमा संरचना में बच्चे को फंसाकर ऊपर खींच लिया जाता है। यहां मामला चूंकि वयस्क महिला का है, जिसे फंदे में फंसाकर खींचना संभव नहीं है। इसलिए यहां वे ट्रेनिंग में सीखी गई अपनी खुद की तकनीक इस्तेमाल कर रहे हैं।

मकान के ठीक पीछे खुदा 100 फीट गहरा बोरवेल

कुछ दिन पहले ही बोरवेल खुदवाया गया था।

ग्रामीणों के अनुसार, महिला के मकान के ठीक पीछे उन्हीं के खेत में कुछ समय पहले एक बोरवेल खुदवाया गया था। इसमें पानी नहीं आने पर उसमें से पाइप निकाल दिए गए। बोरवेल में मिट्टी नहीं भरी। इसकी वजह से 100 फीट गहरा और 1 फीट चौड़ा बोरवेल खुला रह गया। किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया। दोपहर करीब 12 बजे महिला उसी में गिर गई।

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