श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में बुधवार (7 फरवरी) की शाम 7 बजे के करीब आतंकियों ने टारगेट किलिंग को अंजाम दिया। हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को AK सीरीज राइफल से गोली मारी गई। अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) की मौके पर ही मौत हो गई। अमृतसर के ही रहने वाले रोहित (25) को पेट के बायीं तरफ गोली लगी है। उसका SMHS अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और हमलावरों की तलाश जारी है।
2023 में भी हुई थी टारगेट किलिंग : 26 फरवरी 2023 की सुबह आतंकियों ने पुलवामा में एक कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की हत्या की थी। वो अपने गांव में गार्ड का काम करते थे। सुबह के वक्त वह ड्यूटी से लौट रहे थे। तभी आतंकियों ने उन पर फायरिंग की थी। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 29 मई 2023 को आतंकियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मरने वाले की पहचान दीपक कुमार (दीपू) के रूप में हुई थी।
दीपक जम्मू के उधमपुर का रहने वाला था और अनंतनाग के जंगलात मंडी में सर्कस मेले में काम करता था। वह नगर से पानी लेने गया, तभी आतंकियों ने उसे बहुत पास से गोली मार दी। उसके भाई ने बताया था कि 26 साल का दीपक परिवार में इकलौता कमाने वाला था। घटना के एक दिन पहले ही उससे फोन पर बात हुई थी। उसने कहा था कि घर खर्च के लिए कुछ पैसे भेजेगा। भाई ने कहा कि पिछले चार साल से मेरी आंखें खराब हैं। मेरे पिता को दिखाई नहीं देता है, वे काम नहीं कर सकते। हम न्याय चाहते हैं। वारदात के विरोध में अनंतनाग सिविल सोसाइटी ने अनंतनाग में विरोध प्रदर्शन किया था।
चौधरीगुंड में हुई थी टारगेट किलिंग : कश्मीर के शोपियां के चौधरीगुंड गांव में 15 अक्टूबर 2022 को आतंकियों ने पूरन कृष्ण भट्ट पर फायरिंग की थी। गंभीर रूप से घायल पूरन को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। अगस्त 2022 में भी शोपियां के छोटीगम गांव के सेब के बाग में एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी।
बाहर से आए मजदूरों की की थी हत्या : नवंबर 2022 में उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले दो मजदूरों की शोपियां में आतंकियों ने हत्या कर दी थी। शोपियां के हरमेन में आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका था जिसमें मोनीश कुमार और राम सागर नाम के दो मजदूर घायल हो गए थे। घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। अगस्त 2022 में जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकियों ने बिहार के एक माइग्रेंट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बिहार के मधेपुरा के रहने वाले 19 साल के जुलाहा मोहम्मद अमरेज को आतंकियों ने गोली मार दी थी।
गैर–कश्मीरियों की हत्या का कारण : खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई साजिश है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है। आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।
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