प्रियंका गांधी का संसद में पहला भाषण: जाति जनगणना से लेकर अदाणी मुद्दे तक रखी अपनी बात
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपने पहले भाषण में संविधान और उससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की। उन्होंने जातिगत जनगणना, अदाणी समूह, उन्नाव और संभल की घटनाओं, मणिपुर हिंसा और वायनाड त्रासदी जैसे मामलों पर सरकार को घेरा। प्रियंका का भाषण संविधान पर केंद्रित दो दिवसीय बहस का हिस्सा था।
संविधान को बताया ‘सुरक्षा कवच’
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की महत्ता को रेखांकित करते हुए की। उन्होंने कहा,
“संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह न्याय, अभिव्यक्ति और आकांक्षा की लौ है, जो हर भारतीय के दिल में जलती है। यह हमारा सुरक्षा कवच है, जो नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा करता है।”
उन्नाव, आगरा और संभल की घटनाओं का जिक्र
प्रियंका ने उन्नाव रेप पीड़िता का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने अकेले अपनी लड़ाई लड़ी, और यह हिम्मत उसे संविधान ने दी। आगरा में हिरासत के दौरान अरुण वाल्मीकि की मौत और संभल हिंसा में मारे गए दर्जी और उनके बच्चों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,
“यह संविधान ही है जो इन परिवारों को न्याय की उम्मीद देता है।”
जातिगत जनगणना की मांग दोहराई
कांग्रेस सांसद ने जातिगत जनगणना पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,
“जातिगत जनगणना समय की मांग है। इससे नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। लेकिन सत्ता पक्ष सिर्फ अतीत की बातें करता है, वर्तमान पर कुछ नहीं बोलता।”
नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर सवाल
प्रियंका गांधी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को तुरंत लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा,
“आज की नारी 10 साल तक इंतजार नहीं करेगी। अगर महिलाएं आज सरकारें बना सकती हैं, तो उनके अधिकारों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए।”
अदाणी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा
उन्होंने अदाणी समूह को लेकर केंद्र सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। प्रियंका ने कहा,
“आज सरकार एक व्यक्ति के लिए सबकुछ बदल रही है। रेलवे, एयरपोर्ट और कोल्ड स्टोरेज जैसे बड़े उद्योग एक व्यक्ति को सौंपे जा रहे हैं। हिमाचल के सेब उत्पादक रो रहे हैं, लेकिन सरकार को उनकी परवाह नहीं।”
मणिपुर और वायनाड त्रासदी पर संवेदना
मणिपुर हिंसा पर बात करते हुए प्रियंका ने कहा,
“संविधान ने हमें एकता का पाठ पढ़ाया, लेकिन आज नफरत के बीज बोए जा रहे हैं।”
वायनाड की त्रासदी का जिक्र करते हुए उन्होंने एक 17 वर्षीय लड़के की संघर्ष भरी कहानी सुनाई, जिसने छह घंटे तक अपनी मां को बचाने की कोशिश की।
किसानों के मुद्दे उठाए
प्रियंका ने कहा कि किसानों को न तो उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिल रहा है और न ही पर्याप्त खाद। उन्होंने वायनाड से लेकर ललितपुर तक किसानों की समस्याओं का जिक्र किया।