भारत अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित आश्रय: किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर लगाया फर्जी कहानी गढ़ने का आरोप

भारत अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित आश्रय: किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर लगाया फर्जी कहानी गढ़ने का आरोप

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में संविधान दिवस के बहस के दूसरे दिन भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनकी कानूनी संरचना पर जोर दिया। उन्होंने विपक्ष पर अल्पसंख्यकों से संबंधित एक “फर्जी नैरेटिव” बनाने का आरोप लगाया और भारत की तुलना पड़ोसी देशों से करते हुए इसे अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बताया।

 

भारत: अल्पसंख्यकों का संरक्षक

किरण रिजिजू ने कहा कि भारत का संविधान न केवल अल्पसंख्यकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि उनके लिए सकारात्मक कार्रवाई के प्रावधान भी सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा,

“पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव आम है। ऐसे में वे सुरक्षा के लिए भारत आते हैं। भारत उनके लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल है।”

 

यूरोप में भेदभाव पर भी टिप्पणी

किरण रिजिजू ने यूरोपियन यूनियन के सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि यूरोप में 48% लोग किसी न किसी रूप में भेदभाव का सामना करते हैं, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं। उन्होंने कहा,

“फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में भेदभाव और घृणा अपराधों की रिपोर्टें बढ़ रही हैं। बहुसंख्यक समुदाय के लोग अल्पसंख्यकों पर पहनावे और अन्य मुद्दों को लेकर सवाल उठा रहे हैं।”

पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की स्थिति

मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में हिंदू, सिख, और ईसाइयों को अत्याचार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा,

“पड़ोसी देशों में जब भी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है, तो वे भारत की ओर देखते हैं। भारत हमेशा से इन पीड़ित समुदायों के लिए एक सहारा रहा है।”

विपक्ष पर निशाना

किरण रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ एक “फेक नैरेटिव” गढ़ा जा रहा है। उन्होंने कहा,

“विपक्ष अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर एक झूठी कहानी बना रहा है। भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और सरकार उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”