असम में बीफ प्रतिबंध पर बढ़ा सियासी घमासान: CM हिमंत बिस्वा सरमा विपक्ष के निशाने पर

असम में बीफ प्रतिबंध पर बढ़ा सियासी घमासान: CM हिमंत बिस्वा सरमा विपक्ष के निशाने पर

असम सरकार द्वारा हाल ही में सार्वजनिक स्थानों, होटल और सामुदायिक समारोहों में बीफ परोसने और खाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सियासी विवादों में घिर गया है। इस फैसले पर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर तीखी आलोचना की है।


शिवसेना ने उठाए सवाल: ‘असम में ही क्यों?’

शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने आरएसएस के पुराने बयानों का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि यदि असम में बीफ पर प्रतिबंध लगाया गया है, तो भाजपा शासित अन्य राज्यों, जैसे गोवा, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में ऐसा क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा:

“आरएसएस ने कहा था कि देश में भोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। लेकिन असम में बीफ पर प्रतिबंध लगाकर भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि वह केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए ऐसा कर रही है। यदि वे वास्तव में इस फैसले के प्रति गंभीर हैं, तो इसे अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी लागू करें।”


प्रियंका चतुर्वेदी: ‘राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश’

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का राजनीतिक चाल करार दिया। उन्होंने कहा:

“मुख्यमंत्री को लगता है कि विपक्ष पर आरोप लगाकर और धार्मिक भावनाओं को भड़काकर उन्हें कुछ राजनीतिक लाभ मिल सकता है। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि उन्होंने झारखंड में भी ऐसा ही प्रयास किया था, जहां उनकी पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था।”


कांग्रेस का हमला: ‘भ्रष्टाचार छिपाने की साजिश’

कांग्रेस नेता और सांसद गौरव गोगोई ने भाजपा और हिमंत बिस्वा सरमा पर तीखा हमला किया। उन्होंने इसे सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को छिपाने की रणनीति बताया।
गोगोई ने कहा:

“झारखंड में भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। अब असम के मुख्यमंत्री अपनी हार और भ्रष्टाचार छिपाने के लिए इस तरह के फैसले ले रहे हैं। असम के लोग आने वाले चुनाव में इस सरकार को सजा देंगे।”


बीफ प्रतिबंध और आरएसएस का रुख

आरएसएस द्वारा पहले दिए गए बयानों के संदर्भ में विपक्ष ने यह भी सवाल खड़ा किया कि भोजन की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है। विपक्ष का कहना है कि असम में बीफ प्रतिबंध केवल धार्मिक भावनाओं का राजनीतिकरण करने का प्रयास है।

 

 

Share This Article
Exit mobile version