पिछले कई दिनों से हरियाणा के सीएम मनोहर लाल समेत कई मंत्री भी पत्र लिखकर और अपील करके किसानों को उठने और वार्ता शुरु करने की पहल कर चुके हैं. शुक्रवार को सीएम ने अपील करते हुए कहा था कि किसान अपने परिवार की चिंता करें और आंदोलन समाप्त करें. शनिवार को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख वार्ता शुरू करने की अपील की. लेकिन इन सब पर किसान मोर्चे ने मुंहतोड़ जवाब दिया है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि मानवता के आधार पर किसानों को धरना उठा लेना चाहिए, वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चैटाला ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन मोर्चे ने कहा है कि इन लोगों को मानवता की बात नहीं करनी चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ शुरू हुआ था। हरियाणा सरकार के नुमाइंदों ने मानवता को शर्मसार करते हुए लगातार किसानों पर लाठीचार्ज, वाटर केनन, आसूं गैस, गिरफ्तारी व बेरहम बयानबाजी की। शहीद किसानों का लगातार अपमान किया गया। सिरसा में शहीद स्मारक तोड़ दिया गया।
मानवता के आधार पर इस्तीफा दे सरकार :
हरियाणा के रोहतक और कुरुक्षेत्र में भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया व कई किसानों को हिरासत में लिया गया। जो नेता किसानों पर हमेशा तरह तरह के अमानवीय हमले करते रहे वे किसानो को अब मानवता सीखा रहे है यह अपने आप मे हास्यास्पद प्रतीत होता है। हम हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को सीधे तौर पैट कहना चाहते है कि जिस बर्बरता के साथ उन्होंने किसान आंदोलन को बदनाम किया है, वे मानवीय आधार पर अपने पदों से तुरंत इस्तीफा दे।
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