सहकारिता विभाग में एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में फंसे दो और सहायक रजिस्ट्रारों को निलंबित कर दिया गया है।
कृष्ण चंद्र (घोटाले के समय करनाल में तैनात) जितेंद्र कौशिक (घोटाले के समय कैथल में तैनात)
दोनों को पंचकूला मुख्यालय अटैच किया गया है। निलंबन के आदेश करनाल जिला जेल में भेजे गए हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने पहले ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया था।
अनु कौशिश, डिप्टी रजिस्ट्रार (मंडल) रोहित गुप्ता, एओ बलविंद्र और एआर डॉ. रामकुमार को भी निलंबित किया जा चुका है।
कृष्ण चंद्र और जितेंद्र कौशिक पहले अंबाला सेंट्रल जेल में थे। बाद में पता चला कि वे करनाल जिला जेल में हैं। जेल अधिकारियों ने उन्हें निलंबन के आदेशों की तामीली दी।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने पानीपत में आईसीडीपी घोटाले में डॉ. रामकुमार पर दूसरा मुकदमा दर्ज किया है। उन पर पहले मुकदमा रेवाड़ी में घोटाला सामने आने पर दर्ज किया गया था। उन पर पानीपत में भी घोटाला करने का आरोप है। उन्हें 3 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने एसीबी के सामने आरोपों को स्वीकार कर लिया था।
यह देखना बाकी है कि इस घोटाले में आगे क्या कार्रवाई होती है।
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