हरियाणा के कैथल जिले में रोडवेज कर्मियों की हड़ताल का मिला-जुला असर दिखाई दिया। सुबह के समय कुछ यात्रियों को परेशानी हुई, लेकिन दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई।
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण सुबह के समय नए बस अड्डा पर पहुंचे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्हें लंबे समय तक बसों के इंतजार में रहना पड़ा। इसके चलते लंबे रूटों पर बसें देरी से मिली और स्थानीय रूटों पर अधिक परेशानी यात्रियों को झेलनी पड़ी। स्थानीय रूटों में शामिल चीका व पातड़ा रूटों पर पंजाब रोडवेज और निजी बसें ही सहारा बनी। हड़ताल के चलते पंजाब रोडवेज और निजी बसों में भीड़ देखने को मिली।
हालांकि, दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई। डिपो पर सामान्य दिनों की तरह की बसें अपने-अपने रूटों पर निर्धारित समय चली। लंबे रूट पर चलने वाली जयपुर, देहरादून, हरिद्वार सहित अन्य रूटों पर बसों का संचालन हुआ है। यह बसें अपने समय पर चली हैं। कौशल रोजगार निगम में शामिल स्टाफ सहित अन्य नियमित स्टाफ ने अपनी ड्यूटी संभाली है।
रोडवेज कर्मियों ने हड़ताल का आह्वान तो किया था, लेकिन कैथल डिपो में 120 बसों का संचालन किया गया। इसमें 23 बसें किलोमीटर स्कीम की शामिल रही। रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण होने वाली परेशानियों को देखते हुए कैथल डिपो ने अपने स्तर पर कुछ व्यवस्थाएं कीं। डिपो ने 52 कर्मियों को तैनात किया, जो कि कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत हैं। इन कर्मियों में चालक व परिचालक शामिल रहे। इन कर्मियों ने सुबह के समय बसों को डिपो से निकालकर मुख्य मार्गों पर भेजा। इसके बाद इन बसों को उनके निर्धारित रूटों पर भेज दिया गया।
रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण यात्रियों को परेशानी हुई। यात्रियों ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक बसों के इंतजार में रहना पड़ा। इसके चलते उन्हें अपने कामों में देरी हुई।
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