- सरवण सिंह पंधेर बोले- शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर तैयार रहें किसान
- किसानों का आज सुबह 10 बजे होगा दिल्ली कूच
चंडीगढ़ : किसानों और केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में हुई बैठक बेनतीजा रही। साढ़े 5 घंटे की मीटिंग के बावजूद MSP गारंटी कानून पर सहमति नहीं बनी। जिसके बाद किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने ऐलान कर दिया कि आज (बुधवार) सुबह 10 बजे दिल्ली कूच होगा। उन्होंने किसानों को पंजाब-हरियाणा के शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर इकट्ठा होने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर चर्चा हुई। सरकार किसानों की मांगों पर सीरियस नहीं है। किसान टकराव नहीं चाहते लेकिन सरकार के मन में खोट है। वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हमें कुछ नहीं देना चाहती। हमने उनसे MSP कानून को लेकर अनाउंसमेंट करने के लिए कहा। सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे लेकिन आंदोलन पर कायम हैं।
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अड़ी हुई है। सरकार पुरानी बातों पर ही कायम है। दिल्ली जाना अब किसानों की मजबूरी बन गया है। इसके बाद किसान नेता चंडीगढ़ से मोहाली के लिए रवाना हो गए हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत के माध्यम से सब बातों का हल निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है। अभी भी हमें इसकी उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि MSP कानून को लेकर कमेटी बना रहे हैं लेकिन किसान नेता इसके लिए राजी नहीं हुए। हालांकि मीटिंग में आंदोलन के दौरान किसानों और युवाओं पर दर्ज केसों को वापस लेने, लखीमपुर खीरी घटना के मृत किसानों के परिवारों को मुआवजे पर सहमति बनी है। बिजली एक्ट 2020 को रद्द करने पर भी सहमति के आसार बने थे।
वहीं किसान नेताओं के सोशल मीडिया (X) अकाउंट भारत में सस्पेंड होने शुरू हो गए हैं। किसान नेता सुरजीत फूल और रमनदीप मान के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया है।
किसानों की ये प्रमुख मांगें
- स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों की एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
- किसानों और खेत मजदूरों की कर्जमाफी की मांग
- लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों को इंसाफ और आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर सभी दोषियों को सजा की मांग
- लखीमपुर खीरी कांड में घायल सभी किसानों को वादे के मुताबिक 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग
- किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस रद्द करने की मांग
- पिछले आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को नौकरी
- 200 दिन मनरेगा की दिहाड़ी मिले
- 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी की मांग
- फसल बीमा सरकार खुद करे
- किसान और मजदूर को 60 साल होने पर 10 हजार रुपये महीना मिले
- विश्व व्यापार संगठन से खेती को बाहर किया जाए
हरियाणा सरकार ऐलान- संपत्ति का नुकसान उपद्रवियों से वसूलेंगे: इसी बीच हरियाणा सरकार ने ऐलान किया है कि प्रदर्शन के दौरान जो भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई उपद्रवियों से ही की जाएगी। राज्य के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि चाहे सार्वजनिक हो या निजी, नुकसान के मामले में हरियाणा रिकवरी ऑफ़ डैमेज टू प्रॉपर्टी ड्यूरिंग डिस्टर्बेंस टू पब्लिक आर्डर एक्ट 2021 के तहत कार्रवाई की जाए।
भीड़ को हटाने के लिए छोड़े आंसू गैस के गोले
अंबाला में बीते सोमवार (12 फरवरी) को पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर भीड़ को हटाने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े गए। जिसके बाद लोग वहां से भागते नजर आए। हालांकि पुलिस ने इसे मॉक ड्रिल बताया। अंबाला में ग्रामीणों ने नदी के बीच रास्ता बंद करने के लिए रखे पत्थर हटाने की कोशिश की।
दिल्ली में धारा 144 लगाई : वहीं किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लगा दी गई है। दिल्ली में भीड़ जुटाने, लाउडस्पीकर और ट्रैक्टरों की एंट्री बैन कर दी है। इसके साथ हथियारों से लेकर लाठी-पत्थर भी दिल्ली में नहीं ले जाने दिए जाएंगे।
हरियाणा–पंजाब और दिल्ली बॉर्डर किए सील
इससे पहले किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब और हरियाणा के शंभू, खनौरी, के अलावा हरियाणा और दिल्ली के सिंघु, टिकरी समेत सभी बॉर्डर सील किए जा चुके हैं। जहां सीमेंट के स्लैब, कंटीली तारें, कीलें लगाने के साथ खुदाई की गई है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित गाजीपुर बॉर्डर पर भी लोहे के बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। धारा-144 लागू कर दी। UP को दिल्ली से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-9 की सर्विस लेन बंद कर दी है।
हालात संभालने के लिए BSF और CRPF की 64 कंपनियां भेजी
हरियाणा में हालात संभालने के लिए केंद्र ने BSF और CRPF की 64 कंपनियां भेजी हैं। भारतीय किसान यूनियन उगराहां गुट के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल के नेता हरिंदर सिंह ने 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है।
पंजाब में हरियाणा बॉर्डर पर डटे किसान
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