भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत: किशनगंगा और रतले प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान की आपत्ति खारिज

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत: किशनगंगा और रतले प्रोजेक्ट पर पाकिस्तान की आपत्ति खारिज

 

जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा और रतले हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद में भारत को बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। विश्व बैंक द्वारा नियुक्त न्यूट्रल एक्सपर्ट ने इस मामले में भारत के पक्ष को सही ठहराया है।

 

विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत की सुसंगत और सैद्धांतिक स्थिति रही है कि सिंधु जल संधि के तहत मतभेदों का निपटारा केवल न्यूट्रल एक्सपर्ट के माध्यम से किया जाना चाहिए। इस निर्णय ने भारत के इस रुख की पुष्टि की है।”

 

2022 में हुई थी न्यूट्रल एक्सपर्ट की नियुक्ति

सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत 2022 में विश्व बैंक ने न्यूट्रल एक्सपर्ट और मध्यस्थता न्यायालय के अध्यक्ष की नियुक्ति की थी। पाकिस्तान का दावा था कि किशनगंगा और रतले प्रोजेक्ट्स की डिजाइन संधि का उल्लंघन करती है।

 

पाकिस्तान की आपत्ति खारिज

पाकिस्तान ने दोनों हाइड्रो प्रोजेक्ट्स पर चिंताओं को लेकर मध्यस्थता न्यायालय की मांग की थी, जबकि भारत न्यूट्रल एक्सपर्ट की नियुक्ति चाहता था। विशेषज्ञ ने सोमवार को दिए गए अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों की दलीलों का गहराई से विश्लेषण करने के बाद सभी मुद्दों पर निर्णय लिया गया है, जो संधि के दायरे में आते हैं।

 

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