इजरायल-लेबनान युद्धविराम पर भारत ने जताई खुशी, MEA ने शांति की उम्मीद जताई
इजरायल और लेबनान के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए युद्धविराम समझौता हुआ है। इस ऐतिहासिक समझौते का भारत ने स्वागत करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में सकारात्मक कदम बताया।
भारत ने जताई शांति की उम्मीद
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी करते हुए कहा कि, “हम इजरायल और लेबनान के बीच घोषित युद्धविराम का स्वागत करते हैं। भारत हमेशा से तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान की वकालत करता रहा है। हमें उम्मीद है कि यह समझौता व्यापक क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाएगा।”
युद्धविराम की मुख्य शर्तें
27 नवंबर की आधी रात (इजरायली समय) से लागू होने वाले इस युद्धविराम समझौते में दोनों पक्षों ने 60 दिनों तक संघर्ष रोकने पर सहमति जताई है।
- इजरायली सेना लेबनान से वापस लौटेगी।
- हिजबुल्लाह लड़ाके दक्षिणी लेबनान से इजरायली सीमा के पास से हटेंगे।
- यदि हिजबुल्लाह युद्धविराम का उल्लंघन करता है, तो इजरायल को जवाबी कार्रवाई का अधिकार होगा। इस प्रावधान पर लेबनान ने आपत्ति जताई है।
अमेरिका और ब्रिटेन का स्वागत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस युद्धविराम को “मध्य पूर्व में शांति की दिशा में बड़ा कदम” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह समझौता संघर्ष को खत्म करने और स्थिरता की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए गाजा में शांति और मानवीय सहायता के लिए भी ठोस कदम उठाने की अपील की।