मानव मेटान्यूमोवायरस: घबराने की जरूरत नहीं, AIIMS के पूर्व निदेशक ने दी सावधानी बरतने की सलाह

मानव मेटान्यूमोवायरस: घबराने की जरूरत नहीं, AIIMS के पूर्व निदेशक ने दी सावधानी बरतने की सलाह

देशभर में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पैनिक करने की कोई जरूरत नहीं है। AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि यह श्वसन से जुड़ी बीमारी है और इसके इलाज में एंटीबायोटिक्स की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने लोगों को पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दी है।

काफी पुराना है HMPV वायरस

डॉ. गुलेरिया ने बताया कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह वर्षों से मौजूद है और सामान्यत: हल्का संक्रमण करता है। हालांकि, यह शिशुओं, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में निमोनिया और सांस लेने में परेशानी पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह वायरस आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है। बुखार में दवा लें, पानी पीते रहें और अच्छा पोषण लें।

संक्रमण के दौरान ये सावधानियां जरूरी

डॉ. गुलेरिया ने भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी, ताकि संक्रमण का फैलाव रोका जा सके। उन्होंने बताया कि HMPV का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है। बुखार और दर्द के लिए पर्याप्त पानी पिएं और खांसी-जुकाम में एंटी-एलर्जिक दवाएं ले सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संक्रमण के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है।

बच्चों के लिए विशेष सावधानी

अगर बच्चे को बुखार, सर्दी या खांसी हो तो कम से कम 5 से 7 दिनों तक घर पर रखें, ताकि अन्य बच्चों में संक्रमण न फैले। नियमित हाथ धोना और मास्क पहनना जैसे कोविड-19 से सीखे गए सबक का पालन करने की सलाह भी दी गई है, जो HMPV और अन्य फ्लू जैसे वायरस से बचाव में सहायक है।