मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कैसे होती है? जानिए इतिहास, प्रक्रिया और शक्तियां

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कैसे होती है? जानिए इतिहास, प्रक्रिया और शक्तियां

भारत को नया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) मिल गया है। राजीव कुमार का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ज्ञानेश कुमार इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति की बैठक में हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल थे। कानून मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

CEC की नियुक्ति प्रक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति केंद्र सरकार के 2023 अधिनियम के तहत होती है। इस प्रक्रिया में एक तीन सदस्यीय समिति शामिल होती है—

  1. प्रधानमंत्री
  2. लोकसभा में विपक्ष के नेता
  3. प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री

यह समिति चुनाव आयुक्तों के नाम की सिफारिश करती है। पहले सर्च कमेटी पांच नामों को शॉर्टलिस्ट करती है, फिर चयन समिति इनमें से एक को अंतिम रूप देती है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नियुक्ति आधिकारिक रूप से प्रभावी होती है।

चुनाव आयुक्त बनने की योग्यता

  • CEC बनने के लिए उम्मीदवार को भारत सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी होना चाहिए।
  • कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, लेकिन 65 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा के कारण कोई भी व्यक्ति इससे पहले भी पद छोड़ सकता है।
  • दो अन्य चुनाव आयुक्तों के लिए अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष है।
  • CEC का दर्जा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर होता है, और उन्हें समान वेतन व सुविधाएं मिलती हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त की शक्तियां और भूमिका

  • CEC देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों का संचालन करता है।
  • चुनाव की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है, और निर्वाचन आयोग को प्रशासनिक मशीनरी पर पूर्ण नियंत्रण मिल जाता है।
  • पोस्टिंग, ट्रांसफर और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी निर्णय चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
  • राज्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधित राज्यपाल द्वारा की जाती है।

1988 बैच के आईएएस हैं ज्ञानेश कुमार

नए CEC ज्ञानेश कुमार का प्रशासनिक अनुभव काफी व्यापक है। वे केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

  • वे सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यरत थे।
  • वे अनुच्छेद 370 हटाने जैसे अहम फैसलों का हिस्सा रह चुके हैं।
  • संसदीय कार्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय में भी उन्होंने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं।
  • उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा।

तीन चुनाव आयुक्तों की परंपरा कब और क्यों शुरू हुई?

  • 1989 तक भारत में केवल एक चुनाव आयुक्त होता था।
  • 1 अक्टूबर 1993 को सरकार ने दो और चुनाव आयुक्तों के पद जोड़े और चुनाव आयोग को तीन सदस्यीय निकाय बना दिया।
  • 1998 में निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की गई।

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