Haryana News: स्वास्थ्य विभाग छोड़ सकते हैं अनिल विज, शीतकालीन सत्र से पहले विवाद सुलझाने की उम्मीद

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के बीच चल रहे विवाद का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इस विवाद को लेकर 20 दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई बैठक के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है कि मामले में हो रही देरी से भी विज की नाराजगी बढ़ गई है। ऐसे में अगर 15 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले विवाद नहीं सुलझा तो विज स्वास्थ्य विभाग छोड़ सकते हैं।

विवाद की शुरुआत 5 अक्टूबर को सीएमओ के अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक बुलाए जाने के बाद हुई थी। इस बैठक में विज शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें विज के पास नहीं जा रही हैं। उन्होंने विभाग से संबंधित कोई भी काम करने से भी इनकार कर दिया है।

विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विज को बैठक के लिए बुलाया था। इस बैठक में विज ने सीएमओ के अधिकारी पर स्वास्थ्य विभाग में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री ने विज को आश्वासन दिया था कि विवाद का जल्द ही समाधान किया जाएगा।

हालांकि, अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। विज के तेवर अभी भी कड़े हैं और वह सीएमओ के अधिकारी को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने 15 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है।

सूत्रों का कहना है कि विज ने विवाद सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखने की तैयारी कर ली है। इस पत्र में वह मुख्यमंत्री से विवाद का जल्द से जल्द समाधान करने की मांग करेंगे।

372 आईओ मामले में रिमाइंडर भेजेंगे विज

एक साल से अधिक लंबित मामलों में 372 जांच अधिकारियों (आईओ) की रिपोर्ट के मामले में भी गृह मंत्री अनिल विज ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को पत्र लिखकर इस संबंध में स्टेटस पता करने को कहा है।

विज ने यह जांच पुलिस विभाग द्वारा दो अलग-अलग रिपोर्ट देने पर बैठाई है। पहले विभाग ने माना था कि लंबित मामलों में 372 आईओ जिम्मेदार हैं, बाद में इनकी संख्या घटकर 99 हो गई। विज ने दोनों रिपोर्टों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कोई सरकार को गुमराह कर रहा है। इसकी जांच जरूरी है, ताकि दोषी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके।

विज ने एसीएस को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें इस मामले की रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए।

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