हरियाणा: हिसार के 72 गांवों के खराब फसलों के मुआवजे को लेकर हरसेक का रिकॉर्ड आधार बनेगा

हरियाणा के हिसार जिले के 72 गांवों के खराब फसलों के मुआवजे को लेकर प्रदेश सरकार हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (हरसेक) के रिकॉर्ड का सहारा लेगी। राजस्व विभाग और कृषि विभाग की ओर से दिए गए तथ्यों का हरसेक के रिकॉर्ड से मिलान किया जाएगा। रिकॉर्ड मिलान के बाद किसानों का मुआवजा तय किया जाएगा।

खरीफ 2022 में खराब फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर किसान पिछले करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर लघु सचिवालय के बाहर पड़ाव डालकर लंबा आंदोलन किया था। इसके बाद सरकार ने बातचीत करते हुए 31 दिसंबर तक मुआवजा देने का एलान किया था।

दरअसल 2022 में किसानों ने अपनी फसलों के लिए प्रीमियम अदा कर मुआवजा कराया। जब बीमा कंपनी ने आकलन किया तो पता लगा कि जितने एरिया में बीमा कराया गया है उससे अधिक के लिए क्लेम किया गया है। गांव की कुल बिजाई की जमीन से भी कई गुना ज्यादा मुआवजा के लिए आवेदन हो गए हैं। बीमा कंपनी ने कृषि विभाग व राजस्व विभाग की रिपोर्ट का मिलान किया तो पता नहीं चल पाया।

इसके बाद बीमा कंपनी ने 72 गांवों को चिह्नित कर इनका बीमा क्लेम रोक दिया। पिछले करीब डेढ़ साल से किसान इस मुआवजे के लिए चक्कर लगा रहे हैं। बीमा कंपनी ने जिला स्तरीय टेक्निकल कमेटी में इस मामले को प्रस्तुत किया। यहां विवाद का समाधान न होने पर इसे स्टेट लेवल कमेटी के पास भेजा गया था। जिस पर कमेटी ने हरसेक की रिपेार्ट को आधार बनाने का फैसला लिया है।

जानकारी के अनुसार बीमा कंपनी अपने आंकड़ों के हिसाब 60 करोड़ रुपये बीमा मुआवजा देना चाहती है। दूसरी ओर किसान 180 करोड़ रुपये मुआवजे पर अड़े हैं। दोनों आंकड़ों के बीच बहुत बड़ा अंतर होने के कारण मामला अटका हुआ है। किसानों ने 26 जनवरी को बड़ा आंदोलन कर दोबारा से लघु सचिवालय के बाहर पड़ाव डालने का एलान किया है। इसके चलते अधिकारी इससे पहले ही इस मुद्दे को हल करने का प्रयास कर रहे हैं।

इन चुनिंदा गांवों का सबसे अधिक मुआवजा

गाँव बीमा मुआवजा
बालक 71,93,5383
भाटोल जाटान 79,3769
बोबुआ 20311601
चमार खेड़ा 4609292
गावड़ 20182396
घिराय 8327970
पाबड़ा 50758842
राजली 57549555
राखी शाहपुर 4072745
सुलचानी 8624058
सोरखी 9187615
हांसी 8384943

अब तक मिला 396 करोड़

वर्ष 2022 व 2023 में खरीफ की खराब फसलों के बीमा क्लेम के तौर पर कंपनी की ओर से करीब 396 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया जा चुका है। इस मुआवजे को लेने के लिए भी किसानों को लघु सचिवालय पर पड़ाव डालना पड़ा था। किसानों ने पूरे हिसार जिले का घेराव करते हुए नेशनल हाइवे भी जाम किए थे।

सरकार का पक्ष

कृषि विभाग के उप निदेशक राजबीर सिंह ने कहा कि बीमा मुआवजा को लेकर स्टेट लेवल टेक्निकल कमेटी में यह मामला रखा गया था। इसमें निर्णय लिया गया कि इस मामले में हरसेक के आंकड़े के साथ मिलान किया जाएगा। इसके बाद अंतिम फैसला हो सकेगा। हरसेक से खरीफ फसल की रिपोर्ट लेकर उसके साथ कृषि व राजस्व विभाग की रिपोर्ट का मिलान करेंगे।