38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य समापन, पहाड़ी लोकगीतों और सांस्कृतिक झलकियों ने बांधा समां
हल्द्वानी के आईजीआई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन समारोह भव्य अंदाज में शुरू हो गया है। दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, परंपराएं और गीत-संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला। 19 दिन तक चले इस खेल महाकुंभ के समाप्त होने की हल्की उदासी जरूर दिखी, लेकिन समापन को उत्सव की तरह मनाने के लिए हर कोई जोश से भरपूर नजर आया।
मां नंदा-सुनंद के जयकारों से हुआ शुभारंभ
समारोह की शुरुआत मां नंदा-सुनंद के वंदन और जयकारों के साथ हुई।
- लोक गायक राकेश पनेरू ने “जय हो नंदा देवी…” भजन की शानदार प्रस्तुति दी।
- खुशी दिगारी ने “मैं घास काटूं लो…”, “अल्मोड़ा अंग्रेज आयो…” जैसे लोकगीत गाकर समां बांध दिया।
- चंद्र प्रकाश ने “मैं जा छूं कमला…” और गोविंद दिगारी ने “लस्का कमर…”, “गोविंदी धुंधरू बजेदे छमछमा…” जैसे लोकगीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
- नृत्यांगना स्वेता माहरा ने “चैता की चैत्वाल”, “क्रीम पौडरा…” जैसे गीतों पर बेहतरीन नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
कई दिग्गज हस्तियां बनीं समारोह की गवाह
राष्ट्रीय खेलों की “संकल्प से शिखर तक” थीम के तहत आयोजित इस समापन समारोह में कई बड़े नेता और खेल जगत की हस्तियां शामिल हुईं—
मुख्य अतिथि: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री: पुष्कर सिंह धामी
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री: मनसुख मांडविया
युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री: रक्षा निखिल खड़से
मेघालय के मुख्यमंत्री: कॉनराड संगमा
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष: पी.टी. उषा