दिल्ली: आईजीआई एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट रैकेट का पर्दाफाश, एजेंट गिरफ्तार
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर फर्जी पासपोर्ट बनाने और विदेश भेजने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में पुलिस ने एक एजेंट को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपित की पहचान
गिरफ्तार व्यक्ति का नाम मनोज जयसवाल है, जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के हाटा बाजार का निवासी है। वह पिछले सात सालों से “मनोज ट्रैवल टर्मिनल” नाम से ट्रैवल एजेंसी चला रहा था।
कैसे हुआ खुलासा?
- 21 अगस्त 2024: गोरखपुर के सहुआकोल निवासी सतीश कुमार थाईलैंड से निर्वासित होकर दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल तीन पर पहुंचा।
- थाईलैंड के निर्वासन दस्तावेजों में लिखा था कि उसके फिंगरप्रिंट पहले से थाईलैंड पहुंचे दो भारतीय नागरिकों से मिलते हैं।
- जांच में पता चला कि सतीश ने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश यात्रा की थी।
पुलिस जांच में हुआ खुलासा
- सतीश ने स्वीकार किया कि 2010 में उसने अपने असली नाम सतीश कुमार तिवारी पर पासपोर्ट बनवाकर पहली बार थाईलैंड यात्रा की थी।
- ब्लैकलिस्ट होने के बाद उसने एजेंट मनोज जयसवाल से संपर्क किया।
- मनोज ने सतीश के आधार कार्ड की जानकारी बदलकर उसे नए पासपोर्ट पर दोबारा थाईलैंड भेजा।
एजेंट का फर्जीवाड़ा
- मनोज ने सतीश के आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी कई बार बदली।
- उसने 2018 और फिर 2024 में सतीश को नए पासपोर्ट की मदद से थाईलैंड भेजा।
- इस बार थाईलैंड एयरपोर्ट पर सतीश पकड़ा गया और भारत वापस भेज दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने मनोज जयसवाल के कई ठिकानों पर छापेमारी की।
- हाटा बाजार से मनोज को गिरफ्तार किया गया।
- पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह पिछले 7-8 सालों से फर्जी पासपोर्ट और दस्तावेज बनाने का काम कर रहा था।
कैसे काम करता था रैकेट?
- मनोज ट्रेवल एजेंसी की आड़ में उड़ानों की टिकट बुकिंग और दस्तावेज अपडेट करने का काम करता था।
- वह आधार कार्ड और पैन कार्ड में जानकारी बदलकर फर्जी पासपोर्ट बनवाने में मदद करता था।
- सतीश के मामले में उसने तीन बार आधार कार्ड की जानकारी बदली और फर्जी पासपोर्ट जारी कराया।