बिहार में अब सरकारी जमीन, मकान या संपत्ति पर कब्जा करना मुश्किल होगा। लीज पर ली गई सरकारी संपत्ति के किराए का भुगतान समय पर नहीं करने वालों पर भी सख्ती बरती जाएगी। इस दिशा में कठोर कानून बनाने के लिए विधानसभा ने बिहार सरकारी परिसर (आवंटन, किराया, वसूली, बेदखली) संशोधन विधेयक 2024 पारित किया।
क्या है नए संशोधन का उद्देश्य?
भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि पुराने अधिनियम (1956) में कई खामियां थीं, जिसके चलते सरकारी जमीन और संपत्तियों पर कब्जा रोकने में दिक्कत हो रही थी।
- नए संशोधन के लाभ:
- सरकारी परिसरों पर कब्जा करने वालों को हटाने में आसानी।
- बकाया लीज किराए की वसूली में मजबूती।
- लीज की शर्तों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना।
विपक्ष के विरोध के बीच विधेयक पारित
जब मंत्री जयंत राज ने संशोधन विधेयक पेश किया, तो विपक्ष वक्फ संशोधन बिल की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा था। हालांकि, विपक्ष की गैरमौजूदगी में इस विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
छाड़ी नदी की सफाई और गंगा से जोड़ने की मांग उठी
गोपालगंज से विधायक कुसुम देवी ने छाड़ी नदी को गंगा नदी से जोड़ने की मांग सदन में उठाई। उन्होंने कहा कि नदी की सफाई का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अभी कुछ हिस्सों में कार्य अधूरा है।
- अतिरिक्त मांगें:
- हीरापाकड़ में स्लुइस गेट को चालू कराना।
- सारण बांध पर सड़क निर्माण।
जल संसाधन विभाग ने जल्द काम पूरा करने का भरोसा दिया।
नए विधेयक से क्या बदलेगा?
संशोधन लागू होने के बाद:
- सरकारी परिसरों के किराए और आवंटन को लेकर नियम कड़े होंगे।
- बकाया वसूली और अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी।
- सरकारी जमीन पर लीज की शर्तों का सख्ती से पालन होगा।