सनातन धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास को पूरा कर अयोध्या नगरी लौटे थे। इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा प्रत्येक घर में जरूर की जाती है। इस दिन लोग लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्तियां लाते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपावली के बाद इन मूर्तियों का क्या करना चाहिए?
मूर्तियों का विसर्जन या गंगाजल से स्नान कराना
दीपावली के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का विसर्जन या गंगाजल से स्नान कराना चाहिए। अगर मूर्ति मिट्टी की बनी हुई है, तो उसे लाल कपड़े में लपेटकर किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए। अगर ऐसा करना संभव नहीं हो, तो आप घर पर ही किसी शुद्ध पात्र में जल भरकर उसमें भी मूर्तियों को गला सकते हैं। फिर उस पानी को गमले में डाल दें।
अगर मूर्ति चांदी, सोने या पीतल की बनी हुई है, तो उसे गंगाजल से स्नान कराने के बाद पुनः मंदिर में स्थापित कर सकते हैं या फिर अपनी तिजोरी में भी रख सकते हैं।
मूर्तियों को पेड़ के नीचे रखना अशुभ
कुछ लोग दीपावली के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को पेड़ के नीचे रख देते हैं। ऐसा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
घर में सुख-समृद्धि के लिए
दीपावली के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का सही तरीके से विसर्जन या गंगाजल से स्नान कराने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यह भी माना जाता है कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में आशीर्वाद देते हैं।
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