मरने के बाद गूगल और फेसबुक अकाउंट का क्या होता है? जानें डिजिटल वसीयत के बारे में
आजकल हर किसी के पास सोशल मीडिया अकाउंट और गूगल अकाउंट होता है। हम इन अकाउंट्स का इस्तेमाल कई तरह के कामों के लिए करते हैं, जैसे कि दोस्तों और परिवार से जुड़ना, जानकारी प्राप्त करना, और ऑनलाइन खरीदारी करना। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे मरने के बाद इन अकाउंट्स का क्या होता है?
सोशल मीडिया कंपनियां मृतकों के डेटा का क्या करती हैं?
आमतौर पर, सोशल मीडिया कंपनियों के पास यह जानने का कोई तरीका नहीं होता है कि कोई यूजर मर चुका है। यदि कोई अकाउंट लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो कंपनी उसे निष्क्रिय कर सकती है।
लेकिन क्या होगा यदि आपके अकाउंट में बैंक खाता जानकारी या अन्य महत्वपूर्ण डेटा है?
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके मरने के बाद आपके डेटा का क्या होता है, आप डिजिटल वसीयत बना सकते हैं।
डिजिटल वसीयत क्या है?
डिजिटल वसीयत एक कानूनी दस्तावेज है जो यह निर्दिष्ट करता है कि आपके मरने के बाद आपके ऑनलाइन खातों और डेटा का क्या होगा।
गूगल और फेसबुक के लिए डिजिटल वसीयत कैसे बनाएं:
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गूगल:
- https://www.google.com/account/about/ पर जाएं।
- “डेटा और गोपनीयता” टैब पर क्लिक करें। “अपने खाते को निष्क्रिय करें या किसी को अपनी मृत्यु के बाद इसे प्रबंधित करने दें” अनुभाग में, “प्रारंभ करें” पर क्लिक करें।
- निर्देशों का पालन करें और अपनी डिजिटल वसीयत पूरी करें।
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फेसबुक:
- https://www.facebook.com/ पर जाएं।
- “सेटिंग” और फिर “सामान्य” पर क्लिक करें।
- “मेमोरियलाइज़ेशन” अनुभाग में, “मेमोरियल संपर्क संपादित करें” पर क्लिक करें।
- उस व्यक्ति का नाम और संपर्क जानकारी दर्ज करें जिसे आप अपना मेमोरियल संपर्क बनाना चाहते हैं।