सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। गुरुग्राम के खेड़की दौला थाने में दर्ज जमीन सौदे से जुड़ी एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 423 जोड़ी गई है। यह धारा धोखाधड़ी और झूठे हस्तांतरण से जुड़ी है।
यह नया आरोप क्या है?
- धारा 423 के तहत आरोप है कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हास्पिटेलिटी ने 3.5 एकड़ जमीन का झूठा हस्तांतरण किया था।
- इस जमीन को 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदा गया था और 2012 में डीएलएफ को बेच दिया गया था।
- आरोप है कि हस्तांतरण के दौरान गलत और धोखाधड़ी की नीयत से हस्ताक्षर किए गए थे।
इस मामले में पहले से दर्ज धाराएं:
- पहले से दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 शामिल हैं।
जांच टीम में बदलाव:
- हाल ही में हरियाणा सरकार ने मुकुल कुमार आईएएस, दिलबाग सिंह पूर्व मुख्य नगर योजनाकार (सीटीपी) और सदस्य रेरा पंचकूला को एसआईटी की सहायता के लिए नामित किया था।
- हरियाणा के महाधिवक्ता कार्यालय में अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्यरत एक कानून अधिकारी भी एसआईटी की सहायता कर रहे हैं।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
- यह मामला 2014 के चुनाव में मुख्य मुद्दा बना था।
- भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया था।
- यह मामला अभी भी जांच के अधीन है।