तिमारपुर विधानसभा: भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण सीट, आप और कांग्रेस के बीच मुकाबला रोमांचक
उत्तर-पूर्व दिल्ली की तिमारपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के लिए चुनौती बढ़ती जा रही है। यह सीट अब तक भाजपा के खाते में सिर्फ एक बार 1993 में आई थी, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने तीन-तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। इस बार भी यहां भाजपा और आप के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है।
प्रमुख उम्मीदवार
- आप: सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू
- भाजपा: सूर्य प्रकाश खत्री
- कांग्रेस: लोकेंद्र कल्याण
आप ने सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को टिकट दिया है, जो हाल ही में भाजपा से आप में शामिल हुए थे। दूसरी ओर, भाजपा ने सूर्य प्रकाश खत्री को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने लोकेंद्र कल्याण को प्रत्याशी बनाया है।
कार्यकर्ताओं का समर्थन जुटाने की चुनौती
सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू के लिए आप के कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल करना एक बड़ी चुनौती रही है। हालांकि, उन्होंने धीरे-धीरे पार्टी के नाम पर विश्वास हासिल किया है। 2020 के चुनाव में बिट्टू भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और आप के दिलीप पांडेय से हार गए थे।
वोट प्रतिशत में अंतर
पिछले विधानसभा चुनाव में आप के दिलीप पांडेय को 57.60% वोट मिले थे, जबकि भाजपा के बिट्टू ने 38.13% वोट हासिल किए थे। इस बार भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मत प्रतिशत में कम से कम 20% की बढ़ोतरी करनी होगी।
जातिगत समीकरण
तिमारपुर में जातिगत समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- पंजाबी समुदाय (40%): बिट्टू को इससे सीधा लाभ मिल सकता है।
- पूर्वांचली वोट बैंक: भाजपा के पक्ष में माना जाता है।
- जाट समुदाय: खत्री का समर्थन कर सकता है, हालांकि इस क्षेत्र में जाटों की संख्या कम है।
कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती
कांग्रेस के लिए यह चुनाव मुश्किल साबित हो सकता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 2.50% वोट मिले थे। कांग्रेस को अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
ऐतिहासिक जीत का रिकॉर्ड
- 1993: भाजपा के राजेंद्र गुप्ता
- 1998: कांग्रेस के जगदीश आनंद
- 2003 और 2008: कांग्रेस के सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू
- 2013: आप के हरीश खन्ना
- 2015: आप के पंकज पुष्कर
- 2020: आप के दिलीप पांडेय
कुल मतदाता
- कुल मतदाता: 2,16,131
- पुरुष: 1,15,880
- महिला: 1,00,217
- थर्ड जेंडर: 34