‘खाने के लिए नहीं होते थे पैसे, चॉकलेट खाकर कटता था पूरा दिन’ – मनमोहन सिंह के संघर्ष के दिन
डॉ. मनमोहन सिंह जब इंग्लैंड में पढ़ाई कर रहे थे, तो उनका जीवन आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। स्कॉलरशिप पर निर्भर होने के कारण, कई बार उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं बचते थे और उन्हें एक चॉकलेट खाकर पूरा दिन बिताना पड़ता था।
यह खुलासा उनकी बेटी दमन सिंह ने अपनी किताब ‘Strictly Personal: Manmohan and Gursharan’ में किया है। यह किताब 2014 में हार्परकोलिंस द्वारा प्रकाशित हुई थी। इसमें दमन ने अपने माता-पिता के जीवन की कई अनकही कहानियां साझा की हैं।
मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ऑनर्स की डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की थी। उनकी बेटी ने लिखा है कि उनके पिता अक्सर अपने संघर्ष भरे दिनों के किस्से सुनाया करते थे, जब गांव का जीवन बेहद कठिन था।