भारतीय राजनयिकों पर कनाडा में निगरानी: भारत ने संसद में जताया कड़ा विरोध

Rajiv Kumar

भारतीय राजनयिकों पर कनाडा में निगरानी: भारत ने संसद में जताया कड़ा विरोध

भारत सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि कनाडा के वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को कनाडाई अधिकारियों ने सूचित किया कि उनकी ऑडियो और वीडियो निगरानी की जा रही है। इतना ही नहीं, उनकी निजी बातचीत को भी इंटरसेप्ट किया जा रहा है। भारत ने इसे कूटनीतिक नियमों का स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

भारत ने कूटनीतिक प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया

विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि भारत और कनाडा के बीच स्थिर संबंधों के लिए एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि भारत ने 2 नवंबर 2024 को कनाडा के उच्चायुक्त से इस मुद्दे पर विरोध जताया था।

कर्मचारियों के उत्पीड़न पर भारत की नाराजगी

राज्य मंत्री ने कनाडाई अधिकारियों द्वारा भारतीय राजनयिकों के उत्पीड़न और धमकियों को अनुचित ठहराते हुए कहा कि यह कूटनीतिक मानकों के खिलाफ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इसे “उत्पीड़न और डराने की कोशिश” करार दिया और कहा कि यह पहले से चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर रहे भारतीय अधिकारियों के लिए स्थिति को और मुश्किल बनाता है।

भारत का रुख और सुरक्षा चिंताएं

भारत ने कनाडा से अनुरोध किया है कि वह भारतीय राजनयिकों और नेताओं को मिल रही धमकियों और हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। हालांकि, कनाडा ने भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है, लेकिन कांसुलर कैंपों में अलगाववादी और उग्रवादी तत्वों की सक्रियता पर काबू पाने में असमर्थता जाहिर की है।

भारत-कनाडा संबंधों में बढ़ा तनाव

भारत और कनाडा के बीच तनाव पिछले साल तब बढ़ा जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता का आरोप लगाया। भारत ने इन आरोपों को “आधारहीन” और “बेतुका” बताते हुए खारिज किया।

भारत का कहना है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं और कनाडा इन पर कार्रवाई करने में विफल रहा है।

 

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