कोरोना के बाद देश में पहली बार खुले स्कूल, जानिए क्या रहा?

कोरोना के चलते आप सब चाह कर भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं, घर पर ही ऑनलाइन क्लास चल रही हैं। लेकिन अब आप सब के लिए खुशखबरी है कि जल्द ही स्कूल खुलने वाले हैं, इसको लेकर ट्रायल के तौर पर देश में पहली बार दो स्कूल खोले गए।

हरियाणा के दो अलग-अलग जिलों में स्थित दो सरकारी स्कूलों को ट्रायल के तौर पर खोला गया। करनाल के निगदू व सोनीपत के राई के दो स्कूलों में शनिवार को प्रशिक्षण वीडियो शूट किए गए। 12वीं कक्षा के बच्चों के लिए वीडियो शूटिंग निगदू के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में की गई। स्कूल में बच्चों के आने से लेकर उनके जाने तक की वीडियो शूट हुई। पहले दिन दोपहर लगभग एक बजे से लेकर तीन बजे तक शूटिंग हुई।

कोरोना की वजह से लगभग 6 महीने के अंतराल के बाद स्कूलों को खोला जाना है। वहीं, राई के स्कूल में 10 वीं कक्षा के छात्र पहुंचे थे। राई के राजकीय हाई स्कूल वाजिदपुर सबोली में ट्रायल के दौरान केवल 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को बुलाया गया था। स्कूल में दसवीं कक्षा के 63 विद्यार्थी हैं। इन विद्यार्थियों के लिए 4 सेक्शन बनाए गए हैं। सेक्शन में करीब 15-16 विद्यार्थी ही बैठ सकेंगे।

ऐसे रखा सोशल डिस्टेंस :

स्कूल में 12वीं कक्षा के कुल 70 बच्चे आए सभी को अलग-अलग सेक्शन में बांटा गया, जिन्हें बबल का नाम दिया गया है। हर बच्चे के कंधे पर बबल के रंग का रिबन लगाया गया। बबल में लाल, पीला, नीला, हरा, गुलाबी रंग शामिल रहा। जिन बच्चों के कंधे पर लाल रंग का रिबन था वो अलग रहे, ऐसे ही नीले रंग के लगे रिबन वाले, पीले रंग के लगे रिबन वाले, हरे रंग के लगे रिबन वाले और गुलाबी रंग के लगे वाले रिबन लगे बच्चे अलग रहे।

 

ऐसे हुआ सेनिटाइजेशन :

सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सफेद रंग के गोले बनाए गए। एक-एक करके बच्चों को एंट्री मिली। बच्चों के जूते सेनिटाइज कराए गए। थर्मल स्केनर से तापमान चेक किया गया। तापमान चेक करने के बाद बच्चों की एंट्री एक रजिस्ट्रर पर की गई। इसमें उनके नाम के साथ पिता का नाम व उनका तापमान भी लिखा गया। इसके बाद बच्चे अपने हाथों को सेनिटाइज करके अपनी-अपनी कक्षाएं लगाने गए।

 

ये रहे सुरक्षा के प्रबंध :

स्कूल ड्रेस में पहुंचे सभी बच्चों ने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था, हाथों में गलब्स पहने हुए थे। अध्यापकों व अध्यापिकाओं ने भी मुंह पर मास्क लगाया हुआ था और हाथों में गलब्स पहने हुए थे। बच्चों को व्यायाम भी कराया गया। हर सेक्शन बबल में बच्चों के बेंच पर नंबर लिखे हुए थे। सभी अध्यापिकाओं की एक जैसी ड्रेस रही और अध्यापकों की एक जैसी ड्रेस रही। सभी विद्यार्थियों, अध्यापकों, अध्यापिकाओं ने आई कार्ड डाला हुआ था।

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